सावन का महीना शुरू हो चुका है. ये 25 जुलाई से 22 अगस्त रहेगा. सावन के महीने में भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त होती है. सावन के सोमवार के व्रत करने से कुवांरी कन्याओं को मनचाहा वर प्राप्त होता है. वहीं भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से अच्छी सेहत और आरोग्य का वरदान प्राप्त होता है. कहा जाता है कि सावन के व्रत करने वाले व्यक्तियों को (विशेष कर महिलाओं) को कुछ नियमों का पालन करना जरूरी है. ऐसे में अगर आप भी सावन के व्रत करने की सोच रहे हैं तो व्रत के दौरान बताए गए इन नियमों का पालन करें.
अगर आप सावन का व्रत कर रहे हैं तो सुबह उठकर स्नान करें और विधि-विधान से पूजा-पाठ करें. शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव की पूजा करते समय हल्दी का उपयोग नहीं करना चाहिए. भगवान शिव की पूजा में भांग, धतूरा, बेलपत्र, सफेद फूल, शहद, फल आदि अर्पित कर सकते हैं.
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सावन के महीने में मांस और मदिरा पान के सेवन से बचना चाहिए. अगर आप व्रत कर रहे हैं तो इन चीजों का भूलकर भी सेवन ना करें. ऐसा करने से भगवान शिव नाराज हो सकते हैं.
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सावन के महीने में सात्विक भोजन करना चाहिए. इस दौरान मूली, बैंगन, लहसुन, कढ़ी, काली मिर्च और प्याज के सेवन से बचना चाहिए.
व्रत या उपवास करने वाले लोगों को काले कपड़े पहनने से बचना चाहिए. शास्त्रों के अनुसार, व्रत में काले कपड़े पहनने से नकारात्मक ऊर्जा आ सकती है.
मान्यताओं के अनुसार, नियमों का पालन करते हुए व्रत करने चाहिए. इस दौरान शारीरिक संबंध नहीं बनाने चाहिए.
धार्मिक पुराणों के अनुसार, व्रत के दौरान दिन के समय नहीं सोना चाहिए. इसकी जगह आप भगवान शिव के भजन-कीर्तन कर सकते हैं.
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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महिलाओं को शिवलिंग को छूने की मनाही होती है. ऐसा कहा जाता है कि शिवलिंग को स्पर्श करने से माता पार्वती नाराज हो जाती हैं. इसलिए महिलाओं को शिवलिंग को छूने से बचना चाहिए. इसका मतलब ये नहीं है कि महिलाएं शिवलिंग की पूजा नहीं कर सकती.
व्रत करने वाले लोगों को इस दौरान गंदे कपड़े नहीं पहनने चाहिए. व्रत के दौरान साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें.
सावन के व्रत के दौरान अगर शिव कवच या शिव चालीसा का पाठ कर रहे हैं, तो इसे पढ़ते हुए बीच में किसी दूसरे व्यक्ति से बात न करें. माना जाता है कि ऐसा करने से आपकी पूजा का फल नकारात्मक शक्तियां ले जाती हैं.
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