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Surya Grahan 2020: सूर्य ग्रहण पर सोमवती अमावस्या का विशेष संयोग, जानें क्या होगा प्रभाव

aajtak.in
  • 14 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 10:28 AM IST
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आज साल का अंतिम सूर्य ग्रहण (Suya Grahan 2020) लग रहा है.  ये ग्रहण शाम को 7 बजकर 3 मिनट से शुरू होगा और रात 12 बजकर 23 मिनट पर खत्म होगा. सूर्य ग्रहण की अवधि लगभग 5 घंटे की रहेगी. हालांकि ये सूर्य ग्रहण  (Solar Eclipse 2020) भारत में नहीं दिखाई देगा. ये पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा जो कई मायनों में खास रहने वाला है. आइए जानते हैं सूर्य ग्रहण के दिन पड़ने वाले विशेष संयोग के बारे में.
 

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सूर्य ग्रहण पर सोमवती अमावस्या का विशेष संयोग- आज के दिन सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya 2020) भी मनाई जा रही है. सोमवती अमावस्या का संयोग साल में 2 या 3 बार ही बनता है. इस बार सोमवती अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण लगने से इसका महत्व और बढ़ गया है. सोमवती अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा है. वहीं सूर्य ग्रहण खत्म होने के बाद भी पवित्र नदियों में स्नान करना शुभ माना जाता है.

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सोमवती अमावस्या के दिन शिव जी की पूजा की जाती है. इस दिन सुहागिन स्त्रियां पीपल के पेड़ की परिक्रमा करते हुए इसकी भी पूजा करती हैं. कहा जाता है कि पीपल की पूजा और परिक्रमा करने से सभी देवता प्रसन्न होते हैं. मान्यता है कि इस दिन पितरों का तर्पण करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है. 
 

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सोमवती अमावस्या के दिन पितृदोष की शांति के भी उपाय किए जाते हैं. इसके लिए लोग बरगद, पीपल, तुलसी या फिर आम के पौधे घरों में लगाते हैं. इस साल 3 सोमवती अमावस्या पड़ी हैं और ये इस साल की अंतिम सोमवती अमावस्या है. आज के दिन पूजा-पाठ के बाद दान करना बहुत शुभ माना जाता है.
 

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सूर्य ग्रहण के दिन भी दान का बहुत महत्व होता है. शास्त्रों के अनुसार सूर्य ग्रहण के दौरान किया गया दान राहु, केतु और शनि के गलत प्रभावों को भी सही करता है.
 

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सूर्य को शासन, सत्ता और मान-सम्मान का कारक माना जाता है. ये ग्रहण भले ही भारत में ना दिखाई दे लेकिन जब ये ग्रसित होगा तो इसका प्रभाव ग्रह दशा के हिसाब से सभी लोगों पर कुछ ना कुछ जरूर पड़ेगा. सोमवती अमावस्या पर पड़ने के कारण भगवान शिव के मंत्रों का जाप कर इसके प्रभावों से बचा जा सकता है. आज पूरे दिन शिव की आराधना जरूर करें.
 

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ये ग्रहण वृश्चिक राशि और मिथुन लग्न में लग रहा है. इसलिए ये ग्रहण इन दोनों जातकों को प्रभावित करेगा. इस ग्रहण काल की अवधि में गुरू चांडाल योग भी लग रहा है. जिनकी कुंडली में पहले से ही गुरू और राहु की युति से ये योग बन रहा है उन लोगों को इस ग्रहण काल में सावधान रहने की जरूरत है.
 

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