सूर्य ग्रहण की शुरुआत हो चुकी है. ये ग्रहण 1 बजकर 42 मिनट पर लगा और शाम 6 बजकर 41 मिनट पर ये खत्म होगा. आज का यह सूर्य ग्रहण कई मायनों में महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि आज वट सावित्री व्रत, ज्येष्ठ अमावस्या और शनि जयंती भी है. साल का यह पहला सूर्य ग्रहण आपके जीवन के हर क्षेत्र पर प्रभाव डालेगा.
सूर्य को ग्रहों का राजा और सकारात्मक ऊर्जा का केंद्र माना जाता है. वास्तु विज्ञान पूर्ण रूप से सूर्य ऊर्जा पर ही आधारित है. सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य ऊर्जा बाधित हो जाती है. वास्तु के कुछ उपायों से ग्रहण के इस प्रभाव से बचा जा सकता है. आइए जानते हैं सूर्यग्रहण के दौरान किए जाने वाले वास्तु उपायों के बारे में.
ग्रहण के दौरान घर साफ रहे. इसके बाद मुख्य द्वार, किचन और सभी खिड़कियों के आसपास गेरू से स्वास्तिक चिन्ह अंकित करें. स्वास्तिक ना बना पाएं तो गेरू के कुछ टुकड़े ही वहां पर रख दें.
घर के मध्य में एक हवन कुंड में हवन की सारी सामग्री डालकर रख दें. ग्रहण समाप्त होने के बाद इस हवन सामग्री को किसी मंदिर में भिजवा दें.
सूर्य ग्रहण के दौरान निकलने वाली किरणें बहुत हानिकारक होती है. ग्रहण को कभी भी नग्न आंखों से देखने का प्रयास ना करें. इसके लिए बने विशेष चश्मे का ही इस्तेमाल करें.
किचन की सभी दिशाओं में तुलसी की पत्ती डाल दें. घर में बने सभी भोजन और अनाज में भी तुलसी की कुछ पत्तियां डाल दें. ग्रहण खत्म होने के बाद इन सभी तुलसी की पत्तियों को खाने और अनाज से हटा दें.
ग्रहणकाल के दौरान घर की पूर्व दिशा में एक खुले बर्तन में गेहूं रखें और ग्रहण खत्म होने के बाद इसे या तो दान कर दें या फिर मंदिर में भिजवा दें .
ग्रहणकाल में भोजन करने से बचना चाहिए. ग्रहण खत्म होने के बाद सेंधा नमक के जल से घर की साफ-सफाई करें. ग्रहण के बाद सेंधा नमक के जल से आप स्नान भी कर सकते हैं.
ग्रहणकाल के दौरान और इसके बाद घर के मध्य में और सभी दिशाओं में कपूर और गूगल की धूप दिखाएं.