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1,800 करोड़ रुपये में बनकर तैयार हुआ ये मंदिर, इस CM का है ड्रीम प्रोजेक्ट

आशीष पांडेय
  • हैदराबाद ,
  • 28 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 9:45 AM IST
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तेंलगना के श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर का पुनर्निर्माण के बाद 28 मार्च लोकार्पण होना है. पुनर्निर्माण के चलते ये मंदिर श्रद्धालुओं के लिए बंद चल रहा था. पिछले साल अक्टूबर में केसीआर के आध्यात्मिक गुरु चिन्ना जीयर स्वामी ने पुनर्निर्मित इस मंदिर को फिर से खोलने का मुहूर्त तय किया था. मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए फिर से खोले जाने के पहले यज्ञ भी किया जाएगा जिसमें मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव भी शामिल होंगे.

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श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर के पुनर्निर्माण पर करीब 1800 करोड़ रुपये का खर्च आया है. इस मंदिर का पुनर्निर्माण मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव का ड्रीम प्रोजेक्ट था. सीएम के चंद्रशेखर राव के ड्रीम प्रोजेक्ट के लोकार्पण से पहले मंदिर में ऋत्विकों की ओर से 'महा सुदर्शन यज्ञ' भी किया जाएगा. इससे पहले मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने बताया था कि यह यज्ञ सौ एकड़ की यज्ञ वाटिका में 1048 यज्ञ कुंडलों के साथ किया जाएगा. 

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इससे पहले तेलंगना के मुख्यमंत्री ने इस बात की भी घोषणा की थी कि हजारों ऋत्विक और तीन हजार सहायक भगवान को प्रसन्न करने के लिए अनुष्ठान करेंगे. इससे पहले मंदिर के लोकार्पण के लिए सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों, गवर्नर, मंत्रियों और हिंदू धर्म के सभी संप्रदायों के संतों को यज्ञ में आमंत्रित करने की योजना बनाई गई थी.

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महामारी के चलते ऐसा नहीं किया गया. माना जा रहा है कि कम ही वीआईपी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे. यह भी संभावना जताई जा रही है के चंद्रशेखर राव के आध्यात्मिक गुरु चिन्ना जीयर स्वामी भी इस समारोह में शामिल नहीं होंगे.
 

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यदाद्री में श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर हैदराबाद से लगभग 80 किमी दूर है. बता दें कि मंदिर परिसर 14.5 एकड़ में फैला हुआ है. साल 2016 में इस मंदिर के पुनर्निर्माण का कार्य शुरू हुआ था जिसके लिए लगभग 1600 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया था. संपूर्ण मंदिर टाउनशिप परियोजना 2500 एकड़ में फैली हुई है.

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मंदिर का पुनर्निर्माण 2.5 लाख टन ग्रेनाइट से किया गया है जिसे विशेष रूप से प्रकाशम, आंध्र प्रदेश से लाया गया है. वहीं, मंदिर के स्तंभ को एक ही पत्थर से उकेरा गया है. इस मंदिर के पुनर्निर्माण में सीमेंट का उपयोग नहीं किया गया है.

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प्रसिद्ध फिल्म सेट डिजाइनर आनंद साई ने इस मंदिर का डिजाइन तैयार किया है. 

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इस मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार पेम्बर्थी (धातु और पीतल के काम के लिए प्रसिद्ध) कारीगरों द्वारा बनाए गए हैं. मंदिर के गर्भगृह का मुख्य प्रवेश द्वार पर सोना जड़ा गया है. मंदिर में तंजौर शैली की पेंटिंग भी लगाई गई है. 
 

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इस मंदिर का गोपुरम (विशेष द्वार) पर 125 किलोग्राम सोना जड़ा गया है जिसे सीएम केसीआर, उनके कैबिनेट सहयोगियों और कई उद्योगपतियों की ओर से मंदिर को दान में दिया है. मुख्यमंत्री केसीआर ने अपने परिवार की तरफ से मंदिर को 1116 ग्राम सोना दान किया है.

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वहीं, हैदराबाद स्थित एमएनसी मेघा इंजीनियरिंग ने 6 किलो सोना देने की घोषणा की है. हेटेरो फार्मा के मालिकों की ओर से भी 5 किलो सोना दान देने की घोषणा की गई है.

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