घर में खुशियों की बात हो या फिर आमदनी की, वास्तु का सही होना आवश्यक माना जाता है. इसके साथ ही घर में बच्चों की पढ़ाई के संदर्भ में भी वास्तु का असर होता है. वास्तु शास्त्र के मुताबिक बच्चों की पढ़ाई का कमरा घर के पूर्व, उत्तर या उत्तर-पूर्व में होना चाहिए. यह ध्यान रखना चाहिए कि उसमें कोई खंभा न हो.
बच्चों के रूम में स्टडी टेबल पर या सामने दर्पण यानी शीशा आदि लगाने से बचना चाहिए. साथ ही पढ़ाई वाले टेबल पर जरूरी सामान ही रखना चाहिए.
पुस्तकें, कॉपियां आदि कमरे के दक्षिण, पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखना चाहिए और उन्हें रखने की अलमारी के शेल्फ खुले नहीं होने चाहिए. इससे बच्चे की एकाग्रता में कमी आती है.
अध्ययन के वक्त मुख को पश्चिम व उत्तर दिशा की ओर भी रखा जा सकता है, लेकिन इन दिशाओं में पढ़ाई का फल उतना अच्छा नहीं मिलता.
पढ़ाई के वक्त दक्षिण की ओर मुंह करने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे उनमें अग्नि तत्व की प्रधानता हो जाती है जिससे वह उद्दंड व अनुशासनहीन हो सकते हैं.