वास्तु शास्त्र मुनष्य के जीवन में बहुत महत्व रखता है. ये जीवन से निगेटिव एनर्जी को दूर करके पॉजिटिव एनर्जी के प्रवेश के उपाय बताता है. वास्तु विज्ञान में मुनष्य की हर समस्या का हल बताया गया है. आमतौर पर लोग अपने दैनिक जीवन में कई ऐसी गलतियां करते हैं जिनका उन्हें अंदाजा भी नहीं होता है. लेकिन इन गलतियों का असर मनुष्य के जीवन अस्त-व्यस्त भी कर सकता है. ऐसे में वास्तु शास्त्र इन गलतियों को सुधारने का उपाय बताकर जीवन को खुशहाल बनाने के तरीके बताता है. आइए जानते हैं इनके बारे में....
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अक्सर घर-परिवार के लोगों को ये कहते हुए सुना होगा कि दक्षिण की ओर मुंह करके सोना चाहिए. यदि आप अपना मास्टर बेडरूम बना रहे हैं तो वास्तु के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम दिशा सबसे उचित दिशा मानी जाती है. वास्तु के अनुसार, उत्तर दिशा की तरफ मुंह करके सोना अशुभ माना गया है. अपने बिस्तर को दीवार से कम से कम तीन से चार इंच की दूरी पर रखें.
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घर में उचित स्वच्छता बनाए रखने के लिए वॉशरूम और बाथरूम को नियमित रूप से साफ किया जाना चाहिए. इनसे बैक्टीरिया पनपने के खतरे को रोका जा सकता है. वास्तु के अनुसार, बाथरूम में टपकते नल खराब स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं. सुनिश्चित करें कि आपके बाथरूम और घर में सभी नल अच्छी तरह से काम कर रहे हैं.
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यदि आपके घर में किसी का स्वास्थ्य लगातार खराब रहता है, तो वास्तु के अनुसार, उसके चारों ओर की दीवारों को रंगने का प्रयास करें. ऐसे में लाल या हरा रंग शुभ माना जाता है. लाल ऊर्जा को आकर्षित करता है, और हरा शांति का प्रतीक है. इसके अलावा दीवारों में दरारें या दीमक हो सकते हैं. इसलिए इन्हें पेंट करना अच्छे स्वास्थ्य का प्रतीक माना जाता है.
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घर में की सजावट और फर्नीचर की स्थिति आपके घर के स्वच्छ माहौल को तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. वास्तु के अनुसार, अपने बेडरूम में या अपने बिस्तर के सामने कभी भी शीशा या टीवी जैसी प्रतिबिंबित करने वाली वस्तुएं न रखें. बाथरूम में या सीढ़ियों के पास अंधेरे ना करें. इन जगहों को अच्छी तरह से रोशन करें. याद्दाश्त और एकाग्रता में सुधार के लिए स्टडी रूम में लकड़ी या संगमरमर के फर्नीचर का प्रयोग करें.
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स्वास्थ्य और रसोई का आपस में गहरा संबंध है. वास्तु के अनुसार, अपने रसोई घर को दक्षिण-पूर्व दिशा में बनवाना उचित माना जाता है. क्योंकि ये सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है. हालांकि, आप अपने गैस के चूल्हे को पूर्व दिशा में भी रख सकते हैं.
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इसके अलावा, डाइनिंग टेबल को भी पूर्व दिशा में रखना बेहतर होता है. इससे पाचन संबंधी समस्याएं दूर होती हैं. उत्तर पूर्व दिशा में रसोई घर बनाने से बचें. इसके अलावा गैस के चूल्हे को भी इस दिशा में रखने से बचें.
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वास्तु के अनुसार, घर के बगीचे में नीम का पेड़ या तुलसी का पौधा लगाएं. इससे स्वास्थ्य अच्छा रहता है और घर-परिवार में शांति बनी रहती है.
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वास्तु के अनुसार, किसी भी चीज का टूटना अपशगुन माना जाता है. घर में टूटा हुआ शीशा या कोई भी टूटा हुआ फर्नीचर रखने से बचें या इसे ठीक करवाएं. क्षतिग्रस्त वस्तुएं चिंता और तनाव के लक्षणों के साथ-साथ दुर्भाग्य को बढ़ावा देती हैं.
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वास्तु के अनुसार, पूजा या मेडिटेशन रूम आपके घर में सबसे शांतिपूर्ण और शुद्ध स्थान माना जाता है. मंदिर में टूटी मूर्तियां रखने से बचें. दक्षिण दिशा में मूर्तियों को ना देखें. घर में हवा को शुद्ध करने के लिए शाम को लाइट एसेंस स्टिक और मोमबत्तियां जलाएं.
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