Advertisement

Achala Ekadashi 2022: अचला एकादशी व्रत आज, जानें- पूजा का शुभ मुहूर्त

Achala Ekadashi 2022 Kab Hai: अचला एकादशी 26 मई यानी आज मनाई जा रही है. अचला एकादशी पर मीन राशि में चंद्र और गुरु की युति से गजकेसरी योग का निर्माण हो रहा है. इसके अलावा, इस दिन आयुष्मान योग भी बन रहा है. व्रत, पूजा और शुभ कार्यों को करने के लिए इन दोनों ही योगों को श्रेष्ठ माना गया है.

Achala Ekadashi 2022: गजकेसरी योग में मनाई जाएगी अचला एकादशी, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त Achala Ekadashi 2022: गजकेसरी योग में मनाई जाएगी अचला एकादशी, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 25 मई 2022,
  • अपडेटेड 7:32 AM IST
  • अचला एकादशी पर ग्रहों का महासंयोग
  • गजकेसरी योग में मनाई जाएगी अचला एकादशी

Achala Ekadashi 2022: ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को अपरा या अचला एकादशी कहा जाता है. भगवान विष्णु की पूजा के लिए इसे सर्वश्रेष्ठ तिथि माना गया है. ऐसी मान्यताएं हैं कि महाभारत काल में श्रीकृष्‍ण ने धर्मराज युधिष्ठिर को भगवान विष्‍णु और माता लक्ष्‍मी की पूजा करने और यह व्रत रखने की सलाह दी थी. इस व्रत को करने से इंसान के जीवन में सुख-समृद्धि आती है. अचला या अपरा एकादशी पर इस साल एक बेहद खास संयोग भी बन रहा है.

Advertisement

अचला एकादशी पर दो शुभ योग
इस बार अचला एकादशी पर मीन राशि में चंद्र और गुरु की युति से गजकेसरी योग का निर्माण हो रहा है. इसके अलावा, इस दिन आयुष्मान योग भी बन रहा है. व्रत, पूजा और शुभ कार्यों को करने के लिए इन दोनों ही योगों को श्रेष्ठ माना गया है. इस योग में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति हो सकती है.

अचला एकादशी का शुभ मुहूर्त
ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि बुधवार, 25 मई को सुबह 10 बजकर 32 मिनट से प्रारंभ होकर गुरुवार, 26 मई को सुबह करीब 10 बजकर 54 मिनट तक रहेगी. एकादशी की उदया तिथि 26 मई को है इसलिए यह व्रत इसी तारीख को रखा जाएगा.

एक राशि में तीन ग्रह
अचला एकादशी पर मीन राशि में एकसाथ तीन ग्रह (गुरु, चंद्रमा और मंगल) मौजूद रहेंगे. चूंकि यह योग मीन राशि में बन रहा है और देवगुरु बृहस्‍पति मीन राशि के स्‍वामी हैं, इसलिए गजकेसरी योग और अधिक फलदायी होगा. इस दिन रेवती नक्षत्र भी है. यह नक्षत्र भी शुभ फल देता है. इसमें भगवान विष्‍णु और माता लक्ष्‍मी की पूरे विधि-विधान से पूजा करें.

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement