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Ahoi Ashtami 2024 Date: अहोई अष्टमी के व्रत में जरूर करें ये दिव्य उपाय, जाग उठेगी संतान की सोई तकदीर

अहोई अष्टमी का व्रत 24 अक्टूबर दिन गुरुवार को रखा जाएगा. कहते हैं कि इस दिन कुछ खास तरह के उपाय करने से संतान की सारी बाधाएं दूर हो जाती हैं और उसका जीवन खुशियों से भर जाता है.

अहोई अष्टमी का माताओं द्वारा अपने बच्चों की लंबी आयु, समृद्धि और खुशहाली के लिए मनाया जाता है. अहोई अष्टमी का माताओं द्वारा अपने बच्चों की लंबी आयु, समृद्धि और खुशहाली के लिए मनाया जाता है.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 23 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 6:00 AM IST

Ahoi Ashtami 2024 Date: अहोई अष्टमी हिंदू धर्म का एक खास पर्व है, जो विशेष रूप से माताओं द्वारा अपने बच्चों की लंबी आयु, समृद्धि और खुशहाली के लिए मनाया जाता है. यह व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को किया जाता है. इस साल यह व्रत 24 अक्टूबर दिन गुरुवार को रखा जाएगा. कहते हैं कि इस दिन कुछ खास तरह के उपाय करने से संतान की सारी बाधाएं दूर हो जाती हैं और उसका जीवन खुशियों से भर जाता है. आइए आपको कुछ ऐसे ही उपाय बताते हैं.

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करियर की बाधा होगी दूर
शिक्षा, करियर में समस्या हो तो अहोई माता को पूजन के दौरान दूध-चावल और लाल फूल अर्पित करें. इसके बाद लाल फूल हाथ में लेकर संतान के करियर और शिक्षा की प्रार्थना करें. संतान को अपने हाथों से दूध-चावल खिलाएं. फिर लाल फूल अपनी संतान के हाथों में दें और फूल को सुरक्षित रखने को कहें. ये प्रयोग संतान की करियर शिक्षा में बाधाओं को दूर करने के लिए रामबाण होता है.

पारिवारिक बाधाओं का नाश
संतान का पारिवारिक जीवन खराब हो तो अहोई माता को गुड़ का भोग लगाएं और एक चांदी की चेन अर्पित करें. मां पार्वती के मंत्र- 'ॐ ह्रीं उमाये नमः' 108 बार जाप करें. संतान को गुड़ खिलाएं और अपने हाथों से उसके गले में चेन पहनाएं. उसके सिर पर हाथ रखकर आशीर्वाद दें.

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रोगों का होगा नाश
कईं बार संतान की सेहत भी उसकी प्रगति में बाधा का कारण बन जाती है. ऐसे में 'ऊं नम : शिवाय' या 'ऊं जू स:' का 11 बार जाप करें. आप इसका मानसिक जाप भी कर सकते हैं. संतान की सेहत हमेशा अच्छी रहेगी.

संतानहीन आजमाएं ये उपाय
संतान ही संतानहीन हो तो अहोई माता और शिवजी को दूध भात का भोग लगाएं. चांदी की नौ मोतियां लेकर लाल धागे में पिरोकर माला बनाएं. अहोई माता को माला अर्पित करें और संतान को संतान प्राप्ति की प्रार्थना करें. पूजा के बाद अपनी संतान और उसके जीवन साथी को दूध भात खिलाएं.

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