
Vinayak Chaturthi 2023: हिंदू धर्म में कुछ ऐसे व्रत हैं जो प्रत्येक माह रखे जाते हैं. इन्हीं में से एक व्रत है गणेश चतुर्थी का व्रत. भगवान गणेश को समर्पित यह व्रत इस बार आषाढ़ की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को रखा जाएगा. भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने के लिए यह दिन श्रेष्ठ है. कहते हैं कि सच्ची श्रद्धा के साथ विनायक चतुर्थी का व्रत रखने से ज्ञान, समृद्धि, सौभाग्य और बुद्धि की प्राप्ति होती है. इस बार आषाढ़ विनायक चतुर्थी का व्रत गुरुवार, 22 जून को रखा जाएगा.
आषाढ़ विनायक चतुर्थी का महत्व
किसी भी शुभ या मांगलिक कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है. ऐसा कहते हैं कि जो लोग विनायक चतुर्थी का व्रत पूर श्रद्धा के साथ करते हैं, भगवान गणेश उन्हें सुख, समृद्धि, सौभाग्य और धन का आशीर्वाद देते हैं. भगवान गणेश भक्तों के जीवन से सभी बुरे प्रभावों को भी दूर करते हैं. जिन लोगों की संतान नहीं है, उन्हें भी इस दिन उपवास रखना चाहिए.
आषाढ़ विनायक चतुर्थी पूजन विधि
आषाढ़ विनायक चतुर्थी के दिन सुबह स्नान करें और सूर्य देवता को अर्घ्य अर्पित करें. इसके बाद भगवान गणेश की पूजा करें. इस दिन की पूजा में जटा वाला नारियल और भोग में मोदक अवश्य शामिल करें. इसके अलावा पूजा में भगवान गणेश को गुलाब के फूल और दूर्वा अर्पित करें. धूप, दीप, नैवेद्य अर्पित करने के बाद " ऊं गं गणपतये नमः " मंत्र का उच्चारण करें. भगवान गणेश की कथा पढ़ें, आरती करें, पूजा में शामिल सभी लोगों को प्रसाद अवश्य वितरित करें. शाम के समय भी गणेश जी का पूजन करें.
आषाढ़ विनायक चतुर्थी के उपाय
1. इस दिन की पूजा में भगवान गणेश को दूर्वा की माला अर्पित करें. उन्हें घी और गुड़ का भोग लगाएं. धन प्राप्ति या रुके हुए धन को वापस पाने की प्रार्थना करें. पूजा के बाद घी और गुड़ किसी गाय को खिला दें या फिर जरूरतमंदों में वितरित कर दें. ऐसा आपको पांच विनायक चतुर्थी के दिन करना है.
2. जीवन से किसी भी तरह के कष्ट और परेशानियां दूर करने के लिए भगवान गणेश के समक्ष चौमुखी दीपक जलाएं. इसके अलावा जितनी आपकी उम्र हो उतने लड्डू भी इस दिन की पूजा में शामिल करें. पूजा करने के बाद एक लड्डू खुद खाएं और बाकी लोगों में बांट दें. इसके अलावा भगवान सूर्यनारायण के सूर्यअष्टक का 3 बार पाठ करें.
3. अपने बच्चों को सही राह पर लाने के लिए इस दिन की पूजा में गणपति भगवान को पांच मोदक और पांच लाल गुलाब और दूर्वा अर्पित करें. शुद्ध देसी घी का दीपक जलाएं. इसके बाद पूजा करें. पूजा के बाद एक मोदक प्रसाद के रूप में अपने बच्चे को खिला दें और बाकी मोदक अन्य बच्चों या जरूरतमंदों के बीच वितरित कर दें.