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Basant Panchami 2025: कल या परसों, कब है बसंत पंचमी? जानें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

Basant Panchami 2025: बसंत पंचमी माघ मास के शुक्ल पक्ष के पांचवे दिन यानी पंचमी तिथि को मनाई जाती है. इस दिन माता सरस्वती की उपासना का विधान बताया गया है. बसंत पंचमी को बहुत सी जगह पर श्री पंचमी और बहुत सी जगहों पर सरस्वती पंचमी के नाम से भी जाना जाता है.

Basant Panchami 2025 Basant Panchami 2025
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 01 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 7:23 AM IST

Basant Panchami 2025: हिंदू धर्म में बसंत पंचमी का खास महत्व है. ज्ञान की देवी मां सरस्वती की बसंत पंचमी के दिन पूजा की जाती है. शास्त्रों में बसंत पंचमी को वसंत पंचमी और ऋषि पंचमी के नाम से भी जाना जाता है. मां सरस्वती को ज्ञान की देवी माना जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, बसंत पंचमी का पर्व हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है. इस बार बसंत पंचमी 2 फरवरी, रविवार को मनाया जाएगा. 

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हमारे ग्रंथों में बसंत पंचमी के दिन को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दिन मां सरस्वती का प्रादुर्भाव हुआ था इसलिए यह दिन मां सरस्वती को समर्पित है. बुद्धि की प्राप्ति के लिए, ज्ञान की प्राप्ति के लिए, संगीत के क्षेत्र में, कला के क्षेत्र में, उन्नति के लिए लोग मां सरस्वती का विशेष पूजन बसंत पंचमी के दिन करते हैं. ऐसा शास्त्रों में वर्णन मिलता है कि इसी दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था. इस दिन स्कूलों में मंदिरों में लोग विशेष पूजा अर्चना करते हैं. 

बसंत पंचमी शुभ मुहूर्त (Basant Panchami 2025 Shubh Muhurat)

बसंत पंचमी की पंचमी तिथि की शुरुआत 2 फरवरी को सुबह 9 बजकर 14 मिनट पर शुरू होगी और तिथि का समापन 3 फरवरी को सुबह 6 बजकर 52 मिनट पर होगा. 

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बसंत पंचमी पर माता सरस्वती की पूजा का मुहूर्त- 2 फरवरी को सुबह 7 बजकर 09 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा. इस दिन पूजा के लिए सिर्फ 5 घंटे 26 मिनट का समय मिलेगा.

कैसे करें मां सरस्वती की उपासना

इस दिन पीले, बसंती और सफेद वस्त्र धारण करें, काले या लाल वस्त्र नहीं. इसके बाद पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ मुख करके पूजा की शुरुआत करें. सूर्योदय के बाद ढाई घंटे या सूर्यास्त के बाद के ढाई घंटे का प्रयोग इस पूजन के लिए करें. फिर, मां सरस्वती को श्वेत चंदन और पीले, सफेद फूल दाएं हाथ से अर्पित करें. प्रसाद में मिश्री, दही और लावा अर्पित करें, केसर मिश्रित खीर अर्पित करना सर्वोत्तम होगा. उसके बाद मां सरस्वती के मूल मंत्र 'ऊं ऐं सरस्वत्यै नम:' का जाप करें, जाप के बाद प्रसाद ग्रहण करें. 

बसंत पंचमी के दिन करें ये काम

1. बसंत पंचमी को अबूझ मुहूर्तों में से एक माना गया है ऐसे में आप इस दिन कोई भी शुभ काम बिना मुहूर्त देखें कर सकते हैं. 

2. इस दिन कई ऐसे भी शुभ काम की जानी चाहिए जिससे आपको मां सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त हो सके. 

3. कहा जाता है मां सरस्वती हमारे हथेलियों में वास करती हैं. ऐसे में बसंत पंचमी के दिन सुबह उठते ही अपनी हथेलियों को अवश्य देखें. ऐसा करने से आपको मां सरस्वती का आशीर्वाद अवश्य प्राप्त होगा.

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4. बसंत पंचमी के दिन यदि आप शिक्षा से संबंधित चीजों का दान करते हैं तो भी आपको शुभ फल की प्राप्ति होगी.

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