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Shanishchari Amavasya 2022: इन 5 राशि वालों पर शनि भारी! शनि अमावस्या पर ये एक काम करने से खत्म होगी दिक्कत

Shanishchari Amavasya 2022: शनिश्चरी अमावस्या दिन दान धर्म के कार्य, पितरों का तर्पण और पिंडदान करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है. इस साल भाद्रपद अमावस्या शनिवार, 27 अगस्त को पड़ रही है. दिन शनिवार होने की वजह से इसे शनिश्चरी अमावस्या कहा जा रहा है.

Bhadrapada Amavasya 2022: इन 5 राशि वालों पर शनि भारी! शनि अमावस्या पर ये एक काम करने से खत्म होगी दिक्कत Bhadrapada Amavasya 2022: इन 5 राशि वालों पर शनि भारी! शनि अमावस्या पर ये एक काम करने से खत्म होगी दिक्कत
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 25 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 4:37 PM IST

Shanishchari Amavasya 2022: भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को भाद्रपद अमावस्या या भादौ अमावस्या कहते हैं. पितृ पक्ष से ठीक पहले आने वाली इस अमावस्या का विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन दान धर्म के कार्य, पितरों का तर्पण और पिंडदान करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है. इस साल भाद्रपद अमावस्या शनिवार, 27 अगस्त को पड़ रही है. दिन शनिवार होने की वजह से इसे शनिश्चरी अमावस्या कहा जा रहा है.

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इस साल भाद्रपद मास की अमावस्या तिथि गुरुवार, 26 अगस्त को दोपहर करीब 12 बजकर 24 मिनट से प्रारंभ होगी और अगले दिन यानी शनिवार, 27 अगस्त को दोपहर 01 बजकर 47 मिनट पर समाप्त होगी. ज्योतिषियों का कहना है कि अमावस्या और शनिवार का दुर्लभ संयोग बहुत कम बार बनता है. भाद्रपद मास में शनिश्चरी अमावस्या का संयोग 14 साल बाद बनने जा रहा है. इससे पहले यह दुर्लभ संयोग 30 अगस्त 2008 को बना था.

5 राशियों पर साढ़े साती और ढैय्या
ग्रहों के सेनापति शनिदेव इस वक्त मकर राशि में वक्री अवस्था में विराजमान हैं. धनु, मकर और कुंभ राशि के जातकों पर शनि की साढ़े साती चल रही है. तो वहीं मिथुन और तुला राशि के जातक शनि की ढैय्या से पीड़ित हैं. ज्योतिषियों का कहना है कि शनिश्चरी अमावस्या के दिन ढैय्या और साढ़े साती से पीड़ित राशियों के जातक कुछ विशेष उपाय कर राहत पा सकते हैं.

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शनिश्चरी अमावस्या पर करें ये उपाय

1. जिन लोगों को शनि की साढ़े साती और ढैय्या से परेशानी हो रही है वो इस शनिश्चरी अमावस्या पर शनिदेव को सरसों का तेल अर्पित करें. शनि के आगे सरसों के तेल का दीपक प्रज्वलित करें. शनि को काली उड़द की दाल चढ़ाएं और इससे बने प्रसाद को लोगों में वितरित करें.

2. शनिश्चरी अमावस्या से एक दिन पहले थोड़ा सा गुड़ और काली उड़द की दाल एक कपड़े में बांध लें. ये पोटली रात को सोते समय अपने तकिये के पास रखें. शनिश्चरी अमावस्या पर इस पोटली में बंधी चीजों को शनि मंदिर में दान करें. इससे शनि की साढ़े साती या ढैय्या का नकारात्मक प्रभाव कम हो जाएगा.

3. साढ़े साती और ढैय्या से निजात पाने के लिए शनिश्चरी अमावस्या के दिन छाया दान करें. इसके लिए किसी बर्तन में सरसों का तेल लें और सिक्का डालें. फिर इसमें अपनी परछाई देखें और इसे किसी गरीब या जरूरतमंद को दान कर दें. इसके बाद पीपल के पेड़ के सामने सरसों के तेल का दीपक प्रज्वलित करें और शनि देव से अपनी मुश्किलें खत्म करने की प्रार्थना करें.

 

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