
Chhath Puja 2023: इस बार छठ पूजा की शुरुआत 17 नवंबर से हुई. छठ के इस महापर्व की शुरुआत नहाय खाय से होती है और दूसरा दिन खरना, तीसरा दिन अर्घ्य और चौथा दिन पारण दिया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक शुक्ल षष्ठी के दिन व्रती महिलाएं छठ का व्रत रखती हैं. इस दिन महिलाएं शाम को किसी नदी या तालाब में खड़े होकर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देती हैं.
ये अर्घ्य पानी में दूध डालकर दिया जाता है. सूर्यास्त के समय व्रती महिला के साथ परिवार के अन्य सदस्य भी मौजूद रहते हैं. साथ ही इस दिन इस दिन बांस से बनी टोकरी जिसे लोक भाषा में सूप कहा जाता है उसमें फल, ठेकुआ, गन्ना, नारियल, फूल, चावल के लड्डू, मूली, कंदमूल आदि रखकर पूजा की जाती है.
छठ पूजा की गलतियां
छठ पूजा के दिन व्रती के साथ घर के अन्य लोग भी सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं. अगर आप छठ पूजा में सूर्य को अर्घ्य दे रहे हैं तो स्नान जरूर कर लें. साथ ही इस दिन नमक का सेवन न करें. आप प्याज-लहसुन का सेवन भूलकर भी न करें.
सभी शहरों में सूर्य देवता को अर्घ्य देने का समय
दिल्ली (Delhi): शाम 05 बजकर 27 मिनट
मुंबई (Mumbai): शाम 05 बजकर 59 मिनट
कोलकाता (Kolkata): शाम 05 बजे
पटना (Patna): शाम 05 बजे
चंडीगढ़ (Chandigarh): शाम 05 बजकर 25 मिनट
कानपुर (Kanpur): शाम 05 बजकर 28 मिनट
प्रयागराज (Prayagraj): शाम 05 बजकर 15 मिनट
हैदराबाद (Hyderabad): शाम 05 बजकर 40 मिनट
भोपाल (Bhopal): शाम 05 बजकर 35 मिनट
भागलपुर (Bhagalpur): शाम 04 बजकर 54 मिनट
लखनऊ (Lucknow): शाम 04 बजकर 52 मिनट
गया (Gaya): शाम 05 बजकर 02 मिनट
रांची (Ranchi): शाम 05 बजकर 03 मिनट
छठ पूजा की तस्वीरें
देशभर में आज छठ पूजा का संध्या अर्घ्य दिया जा रहा है. जिसके लिए लोगों में उत्साह देखने को भी मिल रहा है. देश के बड़े बड़े शहरों से लाइव तस्वीरें सामने आ रही हैं.
दिल्ली
पटना
मुंबई
अन्य शहरों में छठ का संध्या अर्घ्य
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल छठ पूजा में हुए शामिल
वहीं, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छठ पर्व पर लखनऊ में गोमती तट पर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया.सीएम अखिल भारतीय भोजपुरी समाज द्वारा आयोजित छठ पूजा में शामिल हुए.
क्यों दिया जाता है डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सायंकाल में सूर्य अपनी पत्नी प्रत्यूषा के साथ रहते हैं. इसलिए छठ पूजा में शाम के समय सूर्य की अंतिम किरण प्रत्यूषा को अर्घ्य देकर उनकी उपासना की जाती है. ज्योतिषियों का कहना है कि ढलते सूर्य को अर्घ्य देकर कई मुसीबतों से छुटकारा पाया जा सकता है. इसके अलावा सेहत से जुड़ी भी कई समस्याएं दूर होती हैं.
ऐसे करते हैं आज के दिन पूजा
छठ पर्व का तीसरा दिन जिसे संध्या अर्घ्य के नाम से जाना जाता है. यह चैत्र या कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन सुबह से अर्घ्य की तैयारियां शुरू हो जाती हैं. पूजा के लिए लोग प्रसाद जैसे ठेकुआ, चावल के लड्डू बनाते हैं. छठ पूजा के लिए बांस की बनी एक टोकरी ली जाती है, जिसमें पूजा के प्रसाद, फल, फूल, आदि अच्छे से सजाए जाते हैं. एक सूप में नारियल, पांच प्रकार के फल रखे जाते हैं.
सूर्यास्त से थोड़ी देर पहले लोग अपने पूरे परिवार के साथ नदी के किनारे छठ घाट जाते हैं. छठ घाट की तरफ जाते हुए रास्ते में महिलाएं गीत भी गाती हैं. इसके बाद व्रती महिलाएं सूर्य देव की ओर मुख करके डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर पांच बार परिक्रमा करती हैं. अर्घ्य देते समय सूर्य देव को दूध और जल चढ़ाया जाता है. उसके बाद लोग सारा सामान लेकर घर आ जाते है. घाट से लौटने के बाद रात्रि में छठ माता के गीत गाते हैं.