Advertisement

Devuthani Ekadashi 2024: देवउठनी एकादशी पर क्यों शुरू होते हैं मांगलिक कार्य, जानें इसके पीछे का कारण

Devuthani Ekadashi 2024: देवोत्थान एकादशी के दिन से शुभ कार्य इसलिए शुरू हो जाते हैं क्योंकि ये दिन मांगलिक कार्यों के लिए सबसे अच्छा माना गया है. देवउठनी एकादशी के पावन दिन पर भगवान विष्णु का केसर वाले दूध से अभिषेक किया जाता है और फिर उनके वैदिक मंत्रों का जाप करें जिससे हर मनोकामना पूरी होती है.

देव उठनी एकादशी 2024 देव उठनी एकादशी 2024
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 12 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 7:30 AM IST

Dev Uthani Ekadashi 2024: देवताओं के जागरण का मतलब है कि देवताओं के जागृत हो जाने पर शुभ शक्तियां सक्रिय हो जाती हैं. साथ ही, मन और शरीर की स्थिति बेहतर हो जाती है और ग्रहों की स्थिति भी विशेष अनुकूल हो जाएगी. ऐसी दशा में शुभ कार्य करने के परिणाम भी शुभ होते हैं. इस बार सभी मंगल कार्य 12 नवंबर यानी आज से शुरू हो रहे हैं. देवोत्थान एकादशी का अवसर एक ऐसा अवसर होता है जब आप भगवान के चरणों का दर्शन करते हैं. भगवान के चरणों को स्पर्श करने का मौका मिलता है और स्पर्श करके आप कोई भी मनोकामना अगर कहेंगे कोई भी प्रार्थना अगर करेंगे तो वो प्रार्थना आपकी स्वीकार होगी. 

Advertisement

देवउठनी एकादशी पर श्रीहरि के चरणों का महत्व

देवोत्थान एकादशी पर श्री हरि के चरण बनाना एक विशेष प्रक्रिया है. इस दिन आप भगवान विष्णु के चरणों की पूजा करें और उनके चरण स्पर्श करके वरदान मांगे तो आपको वरदान प्राप्त होगा. 

देवउठनी एकादशी पर मनोकामना कैसे पूरी करें

1. अगर आप अविवाहित बालिक या बालिका है और आपका विवाह नहीं हो पा रहा है तो आपकी मनोकामना देवोत्थान एकादशी पर पूरी हो सकती है. 

2. श्रीहरि माता लक्ष्मी के नियंत्रक है इसीलिए देवोत्थान एकादशी पर श्री हरि की पूजा करने से धन संबंधी बाधाएं आपकी दूर होनी शुरू हो जाएंगी. 

3. देवोत्थान एकादशी पर आप अपने पापों के लिए अपने अपराधों के लिए क्षमा याचना भी कर सकते हैं. 

देवउठनी एकादशी के उपाय

विवाह के लिए उपाय

अगर आपका विवाह नहीं हो पा रहा है तो देवोत्थान एकादशी पर रात में जागकर के विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें और सुबह श्रीहरि को जगाते समय उनके चरण स्पर्श करें. 

Advertisement

आर्थिक समस्या के लिए उपाय

अगर आप आर्थिक मुश्किल से परेशान हैं तो आप मध्यरात्रि में इस दिन मंत्रों का जाप करें. मंत्र है- ऊं ह्रीं श्रीं लक्ष्मी वासुदेवाय नम: और 11 बार इस मंत्र का जप करें.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement