
Diwali 2022: देशभर में आज दिवाली का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है. इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है. दिवाली के दिन लोग दीयों से घरों को सजाते हैं. इसलिए, दिवाली को दीपोत्सव भी कहा जाता है. दिवाली पर काजल बनाने का विशेष महत्व होता है. इस दिन घर में महिलाएं दीये की ज्योत से काजल बनाती हैं और घर के सभी सदस्यों को लगाती हैं. आइए जानते हैं कि हिंदू धर्म में इसका क्या महत्व होता है.
दिवाली पर क्यों बनाया जाता है काजल?
दिवाली के दिन कई घरों में काजल बनाया जाता है. इसके लिए रातभर दीया जलाया जाता है. दीए की ज्योत जलने पर जो कालापन इकठ्ठा होता है, उससे काजल बनाते हैं. इस काजल को घर के बुजुर्ग सभी लोगों की आंखों में लगाते हैं. इसके अलावा इस काजल को घर की महत्वपूर्ण जगहें जैसे अलमारी, तिजोरी, खाना बनाने के चूल्हे पर भी लगाया जाता है. मान्यता है कि ऐसा करने से सभी तरह की बाधाएं दूर हो जाती हैं और घर की संपन्नता बनी रहती है. ये भी माना जाता है कि काजल लगाने से व्यक्ति बुरी शक्तियों से बचा रहता है.
दिवाली के काजल का वैज्ञानिक महत्व
दिवाली पर प्रदूषण का स्तर बहुत ज्यादा होता है. प्रदूषण का असर लोगों की आंखों पर पड़ता है. कई बार प्रदूषण का स्तर ज्यादा होने पर कुछ लोगों की आंखें लाल हो जाती हैं. आंखों से पानी निकलने लगता है, जलन होती है. ऐसे में काजल लगाने से प्रदूषण और ठंडी हवाओं से होने वाले नुकसान से आंखें सुरक्षित रहती हैं. इस बात की पुष्टि आयुर्वेद में भी हो चुकी है.
काजल बनाने का तरीका
सबसे पहले एक दीपक को तेल से भर दें. इसके बाद उसमें रूई की बत्ती लगाएं और प्रज्वलित करें. दीया प्रज्वलित होने के बाद उसकी लौ पर एक प्लेट को तिरछा करके रखें. प्लेट पर धीरे-धीरे कालिख जमने लगेगी. उसे एकसाथ इकट्ठा करने के बाद उसमें एक बूंद घी का डाल लें और प्रयोग कर लें.