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Falgun Amavasya 2024: फाल्गुन मास की अमावस्या आज, जानें शुभ मुहूर्त, पूजन विधि

Falgun Amavasya 2024: फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली अमावस्या को फाल्गुन अमावस्या कहते हैं. यह अमावस्या सुख, संपत्ति और सौभाग्य की प्राप्ति के लिए विशेष फलदायी होती है. फाल्गुन अमावस्या 10 मार्च यानी आज है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और दान का विशेष महत्व बताया गया है.

फाल्गुन अमावस्या फाल्गुन अमावस्या
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 10 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 6:00 AM IST

Falgun Amavasya 2024: फाल्गुन अमावस्या 10 मार्च यानी आज मनाई जा रही है. जीवन में सुख-शांति के लिए रखा जाने वाला फाल्गुन अमावस्या का व्रत इस बार विशेष माना जा रहा है. फाल्गुन अमावस्या पर आज सर्वार्थ सिद्धि योग का खास संयोग बन रहा है. इन खास योग में किए गए व्रत और पूजा का जातकों को दोगुना फल प्राप्त होगा. इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण व श्राद्ध भी किया जाता है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और दान देने की भी परंपरा है.

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फाल्गुन अमावस्या का महत्व 

धार्मिक मान्यता के अनुसार, फाल्गुन अमावस्या पर पवित्र नदियों में देवी-देवताओं का निवास होता है. इसलिए इस दिन गंगा, यमुना और सरस्वती में स्नान का विशेष महत्व माना गया है. यदि फाल्गुन अमावस्या सोमवार के दिन हो तो इस दिन महाकुम्भ स्नान का योग भी बनता है, जो अनंत फलदायी माना जाता है. अमावस्या के दिन भगवान शिव शंकर और भगवान श्री कृष्ण की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने का विधान है.

फाल्गुन अमावस्या मुहूर्त (Falgun Amavasya 2024 Pujan Muhurat) 

फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि का प्रारंभ 9 मार्च यानी कल शाम 6 बजकर 17 मिनट पर हो चुका है और समापन 10 मार्च यानी आज दोपहर 2 बजकर 29 मिनट पर होगा. उदयातिथि के आधार पर फाल्गुन अमावस्या 10 मार्च यानी आज ही मनाई जा रही है. 

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स्नान दान का मुहूर्त- सुबह 04 बजकर 49 मिनट से सुबह 05 बजकर 48 मिनट तक

अभिजित मुहूर्त- दोपहर 12 बजकर 08 से दोपहर 01 बजकर 55 मिनट तक

फाल्गुन अमावस्या पूजन विधि (Falgun Amavasya Pujan Vidhi)

फाल्गुन अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें. इस दिन गंगा स्नान का अधिक महत्व है. इसलिए गंगा स्नान जरूर करें. अगर आप स्नान करने के लिए नहीं जा पा रहे हैं तो घर में ही नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगाजल डालकर नहा लें. इसके बाद भगवान सूर्य को अर्घ्य दें. भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करना चाहिए. अमावस्या के दिन अपनी योग्यता के अनुसार दान जरूर देना चाहिए. पितरों की शांति के लिए तर्पण, श्राद्ध आदि कर सकते हैं.

फाल्गुन अमावस्या के दिन क्या करें

1- इस दिन नदी, जलाशय या कुंड आदि में स्नान करें और सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद पितरों का तर्पण करें. 
2- पितरों की आत्मा की शांति के लिए उपवास करें और किसी गरीब व्यक्ति को दान-दक्षिणा दें. 
3- अमावस्या के दिन शाम को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक लगाएं और अपने पितरों का स्मरण करें. पीपल की सात परिक्रमा लगाएं. 
4- रुद्र, अग्नि और ब्राह्मणों का पूजन करके उन्हें उड़द, दही और पूरी आदि का नैवेद्य अर्पण करें और स्वयं भी उन्हीं पदार्थों का एक बार सेवन करें 
5- शिव मंदिर में जाकर गाय के कच्चे दूध, दही, शहद से शिवजी का अभिषेक करें और उन्हें काले तिल अर्पित करें. 
6 - अमावस्या शनिदेव का दिन भी माना जाता है. इसलिए इस दिन उनकी पूजा करना जरूरी है. अमावस्या के लिए शनि मंदिर में नीले पुष्ण अर्पित करें. काले तिल, काली साबुत उड़द दाल, कड़वा तेल, काजल और काला कपड़ा अर्पित करें.

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