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Ganesh Chaturthi 2022: इस मराठी परिवार ने 144 साल पहले की थी गणेश महोत्सव की शुरुआत, आज भी निभा रहे परंपरा

गणपति को समर्पित ये त्योहार गांव से लेकर छोटे-बड़े सभी शहरों में मनाया जाता है. इस दिन लोग भगवान गणेश की स्थापना करके उनकी पूजा-अर्चना करते हैं. ऐसा कहा जाता है कि गणेश उत्सव की शुरुआत 1892 में लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने महाराष्ट्र में की थी. उस वक्त देश में आजादी की लड़ाई चल रही थी.

विपिन प्रजापति
  • नई दिल्ली,
  • 31 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 7:37 PM IST

Ganesh Chaturthi 2022: देशभर में गणेश चतुर्थी का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. गणपति को समर्पित ये त्योहार गांव से लेकर छोटे-बड़े सभी शहरों में मनाया जाता है. इस दिन लोग भगवान गणेश की स्थापना करके उनकी पूजा-अर्चना करते हैं. ऐसा कहा जाता है कि गणेश उत्सव की शुरुआत 1892 में लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने महाराष्ट्र में की थी. उस वक्त देश में आजादी की लड़ाई चल रही थी. ऐसे में तिलक ने गणेश उत्सव के नाम पर लोगों में एकता और राष्ट्रभक्ति की भावना जागृत करने के उद्देश्य से गणेश उत्सव मनाया था.

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हालांकि बहुत कम लोग ये बात जानते होंगे कि इससे पहले गुजरात के पाटण शहर में रहने वाले महाराष्ट्र के एक परिवार ने 1878 में पाटण की गणेशवाड़ी में गणेश महोत्सव की शुरुआत की थी. इसके साक्ष्य आज भी मौजूद हैं.

पाटण शहर में रहने वाले इस मराठी परिवार ने 1878 में अपने घर में गणेश जी की स्थापना की थी. उस वक्त उन्होंने वडोदरा से गणेश जी की मिट्टी से बनी प्रतिमा मंगवाई थी. यह परंपरा आज भी कायम है. भगवान गणेश को समर्पित गणेश चतुर्थी का त्योहार हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. महाराष्ट्र में लोग बड़ी ही धूमधाम से ये त्योहार मनाते हैं.

मराठी परिवार के सदस्य सुरेश भाई देशमुख का कहना है, 'हमारे परिवार में पिछले 144 साल से गणेश महोत्सव मनाया जा रहा है. हमारे यहां गणेश मूर्ति की खासियत ये है कि 144 साल पहले जिस मिट्टी से मूर्ति का निर्माण हुआ था, आज भी उसी मिट्टी से प्रतिमा बनाई जाती है. जब भी ये मूर्ति खंडित होती है तो उसे मंत्रोच्चार के साथ उसी मिट्टी के साथ दोबारा बनाया जाता है और भगवान गणेश की विधिवत पूजा की जाती है.

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