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Ganga Saptami 2021: गंगा सप्तमी पर आज भूलकर भी न करें ये 7 गलतियां

इस साल गंगा स्नान 18 मई को यानी आज मनाई जा रही है. इस दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है. इस दिन गंगा स्नान, तप ध्यान और दान-पुण्य करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.

Ganga Saptami 2021: गंगा सप्तमी आज, पुण्य कमाना है तो भूलकर भी न करें ये गलतियां Ganga Saptami 2021: गंगा सप्तमी आज, पुण्य कमाना है तो भूलकर भी न करें ये गलतियां
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 18 मई 2021,
  • अपडेटेड 7:25 AM IST
  • गंगा सप्तमी पर दान-पुण्य से मोक्ष की प्राप्ति
  • गंगा घाट पर जाए बिना मां गंगा को कैसे करें प्रसन्न?

हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मां गंगा का अवतरण हुआ था. इस साल गंगा स्नान 18 मई को यानी आज मनाई जा रही है. इस दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है. इस दिन गंगा स्नान, तप ध्यान और दान-पुण्य करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. हालांकि गंगा स्नान करने में कई लोग अंजाने में बड़ी गलतियां कर बैठते हैं. आइए आपको बताते हैं कि गंगा स्नान की सही विधि क्या है और कोरोना के इस संकट काल में आप गंगा घाट पर जाए बिना मां गंगा को कैसे प्रसन्न कर सकते हैं.

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1. गंगा स्नान के समय हमेशा हमेशा नदी की धारा या सूर्य की ओर मुख करके नहाएं. गंगाजल सूर्य देव को अर्पित करने से आपके जीवन के तमाम दुख दूर हो सकते हैं. लेकिन उल्टी दिशा में जल चढ़ाने से आपको इसका लाभ नहीं मिलेगा.

2. लोग अक्सर गंगा में मनचाहे तरीके से डुबकियां लगाते हैं. जबकि शास्त्रों के मुताबिक गंगा ही नहीं, बल्कि किसी भी नदी में स्नान करते समय हमेशा 3, 5, 7 या 12 डुबकियां लगाना शुभ होता है.

3. गंगा के पानी से स्नान करते समय मन में छल या कपट न रखें. इसकी बजाय श्रद्धा और विश्वास के साथ मां गंगा को प्रणाम करें. साथ ही कोई ऐसा आचरण न करें जो धर्म विरुद्ध है.

4. गंगा में स्नान करते वक्त पाप धोने से ज्यादा मन का मैल धोने में विश्वास रखें. ईश्वर के प्रति आस्था रखें और समर्पित भाव से लोगों की सेवा करें. गंगा तट को साफ-सुथरा रखने में सहयोग करें.

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5. अक्सर लोग गंगा स्नान के बाद गंगा लहरी और गंगा स्त्रोत का पाठ करना भूल जाते हैं. इससे आपको मां भागीरथी का आशीर्वाद नहीं मिलेगा. गंगा पूजन के बाद मां गंगा की आरती करना भी न भूलें.

7. कोरोना की दूसरी लहर से आई तबाही के चलते गंगा घाट पर स्नान करना उचित नहीं है. ऐसे में आप चाहें तो गंगा का पवित्र जल पानी में मिलाकर घर में ही स्नान कर सकते हैं. ऐसा करने से भी मां गंगा की अनुकंपा आप पर बनी रहेगी.

 

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