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Ganga Saptami 2022: इन 3 शुभ योगों के साथ आई गंगा सप्तमी, ये काम करने से 10 तरह के पापों का नाश

Ganga Saptami 2022: गंगा सप्तमी के दिन गंगा घाट पर आस्था की डुबकी लेकर मां गंगा से मनोवांछित वरदान प्राप्त किया जा सकता है. पापों का नाश और पितृ दोष दूर करने के लिए भी गंगा सप्तमी पर विशेष उपाय किए जा सकते हैं. गंगा सप्तमी का त्योहार इस बार ज्यादा शुभ माना जा रहा है.

Ganga Saptami 2022: इन 3 शुभ योगों के साथ आई गंगा सप्तमी, 10 तरह के पापों का होगा नाश Ganga Saptami 2022: इन 3 शुभ योगों के साथ आई गंगा सप्तमी, 10 तरह के पापों का होगा नाश
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 07 मई 2022,
  • अपडेटेड 6:15 PM IST
  • गंगा सप्तमी पर तीन शुभ योगों का निर्माण
  • आस्था की डुबकी लेने से दूर होंगे 10 तरह के पाप

Ganga Saptami 2022: वैशाख शुक्ल की सप्तमी तिथि को गंगा सप्तमी का पर्व मनाया जाता है. इस दिन गंगा घाट पर आस्था की डुबकी लेकर मां गंगा से मनोवांछित वरदान प्राप्त किया जा सकता है. पापों का नाश और पितृ दोष दूर करने के लिए भी गंगा सप्तमी पर विशेष उपाय किए जा सकते हैं. गंगा सप्तमी का त्योहार इस बार ज्यादा शुभ रहने वाला है. दरअसल इस बार रवि पुष्य, श्रीवत्स और सर्वार्थसिद्धि योग के साथ गंगा सप्तमी मनाई जाएगी.

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3 शुभ योगों के साथ गंगा सप्तमी
ज्योतिषियों का कहना है कि गंगा सप्तमी पर इस साल रवि पुष्य, श्रीवत्स और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहे हैं. सप्तमी तिथि आज दोपहर करीब 3 बजे से शुरू हो चुकी है जो रविवार शाम 5 बजे तक रहेगी. 8 मई को सूर्योदय के समय तीन महायोगों के साथ गंगा सप्तमी मनाई जाएगी. रवि पुष्य योग सुबह सूर्योदय के साथ शुरू होकर दोपहर 2 बजकर 56 मिनट तक रहेगा. इसी बीच सर्वार्थसिद्धि योग भी होगा.

गंगा सप्तमी का शुभ मुहूर्त
सप्तमी तिथि 7 मई को दोपहर 2 बजकर 57 मिनट से प्रारंभ होकर अगले दिन 8 मई को शाम 5 बजे तक रहेगी. उदिया तिथि होने के कारण गंगा सप्तमी 8 मई को ही मनाई जाएगी. 8 मई को सुबह 11 बजकर 05 मिनट से दोपहर 01 बजकर 41 मिनट तक पूजा का अबूझ मुहूर्त रहेगा.

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गंगा सप्तमी पर 10 पापों का नाश
गंगा सप्तमी पर आस्था की डुबकी लेने से पापों का नाश होता है. ज्योतिषियों का कहना है कि इस दिन गंगा घाट पर स्नान करने से 10 तरह के पापों का नाश होता है. स्मृतिग्रंथ में दस प्रकार के पाप बताए गए हैं. कायिक, वाचिक और मानसिक. किसी दूसरे की वस्तु रखना, हिंसा, पराई स्त्री के नजदीक जाना, ये सभी कायिक यानी शारीरिक पाप बताए गए हैं.

झूठ बोलना, अपशब्द कहना या पीठ पीछे किसी की बुराई करना, ये सभी वाचिक पाप के दायरे में आते हैं. इसके अलावा, दूसरों की चीजें छीनना, दूसरों का बुरा करने के बारे में सोचना या गलत विचार मन में लाना, ये सभी मानसिक पाप होते हैं. कहते हैं कि गंगा सप्तमी पर स्नान करने से इन सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है.

 

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