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Govardhan Puja 2024: गोवर्धन पूजा के लिए आज मिलेंगे ये शुभ मुहूर्त, जानें पूजन विधि

Govardhan Puja 2024: पांच दिन के दीपावली महापर्व में चौथे दिन गोवर्धन महाराज की पूजा अर्चना की जाती है. हर वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजन करने का विधान है. इस तिथि को अन्नकूट के नाम से जाना जाता है क्योंकि इस दिन घरों में अन्नकूट का भोग बनाया जाता है.

गोवर्धन पूजा 2024 गोवर्धन पूजा 2024
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 01 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 12:18 AM IST

Govardhan Puja 2024: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को होने वाली गोवर्धन पूजा का खास महत्व होता है. गोवर्धन पूजा दिवाली के अगले दिन की जाती है. कई लोग इसे अन्नकूट के नाम से भी जानते हैं. अन्नकूट शब्द का अर्थ होता है अन्न का समूह. विभिन्न प्रकार के अन्न को समर्पित और वितरित करने के कारण ही इस उत्सव या पर्व का नाम अन्नकूट पड़ा है. इस दिन अनेक प्रकार के पकवान, मिठाई से भगवान को भोग लगाया जाता है.

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गोवर्धन पूजा शुभ मुहूर्त (Govardhan Puja 2024 Shubh Muhurat)

गोवर्धन पूजा की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 1 नवबंर यानी आज शाम को 6 बजकर 16 मिनट पर शुरू हो चुकी है और तिथि का समापन 2 नवंबर यानी कल रात 8 बजकर 21 मिनट पर होगा. उदयातिथि के अनुसार, इस बार गोवर्धन और अन्नकूट का त्योहार 2 नवंबर को ही मनाया जाएगा. 

गोवर्धन पूजन के लिए ये मुहूर्त रहेंगे 

- एक मुहूर्त सुबह 6 बजकर 34 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 46 मिनट तक रहेगा.

- दूसरा मुहूर्त दोपहर 3 बजकर 23 मिनट से लेकर शाम 5 बजकर 35 मिनट तक रहेगा. 

- तीसरा मुहूर्त शाम 5 बजकर 35 मिनट से लेकर 6 बजकर 01 मिनट तक रहेगा. 

गोवर्धन पूजन विधि (Govardhan Pujan Vidhi)

गोवर्धन पूजा के दिन गोबर से गोवर्धन बनाकर उसे फूलों से सजाया जाता है. पूजा के दौरान गोवर्धन पर धूप, नैवेद्य, दीप फूल और फल आदि चढ़ाए जाते हैं. इस दिन गोबर से गोवर्धन जी को लेटे हुए पुरुष के रूप में बनाया जाता है. नाभि की जगह पर मिट्टी का दीया रखा जाता है. इस दीपक में दूध,दही, गंगाजल, शहद और बताशे आदि डाले जाते हैं. फिर इसे बाद में प्रसाद के रूप में बांटा जाता है. पूजा करने के बाद गोवर्धन जी की सात बार परिक्रमा लगाई जाती है. परिक्रमा के वक्त हाथ में लोटे से जल गिराते हुए और जौ बोते हुए परिक्रमा की जाती है. गोवर्धन पूजा के दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा भी की जाती है. इस मौके पर मशीनों और कारखानों की पूजा की जाती है.

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