
Gupt Navratri 2025: आज से गुप्त नवरात्रि प्रारंभ हो गए हैं. सामान्यतः लोग शारदीय और चैत्र नवरात्रि के बारे में ही जानते हैं. जबकि इसके अलावा दो और नवरात्र भी हैं, जिनमें विशेष कामनाओं की सिद्धि की जाती है. कम लोगों को इसका ज्ञान होने के कारण या इसके छिपे होने के कारण इसे गुप्त नवरात्र कहा जाता है. यह वर्ष में दो बार आती है. माघ और आषाढ़ के महीने में. महाकाल संहिता और तमाम शाक्त ग्रंथों में इन चारों नवरात्रों का महत्व बताया गया है. इनमें विशेष तरह की इच्छा की पूर्ति और सिद्धि प्राप्त करने के लिए पूजा और अनुष्ठान किया जाता है
कब से कब तक हैं गुप्त नवरात्रि?
इस बार माघ महीने की गुप्त नवरात्रि 30 जनवरी से 07 फरवरी तक है. इस दौरान पूजा-अर्चना से देवी मां न सिर्फ आपका कल्याण करेगी, बल्कि आपके शत्रुओं का भी नाश करेगी.
गुप्त नवरात्र में देवी की पूजा विधि
अगर आपने गुप्त नवरात्रि में कलश की स्थापना की है तो दोनों वेला मंत्र जाप, चालीसा या सप्तशती का पाठ करना चाहिए. दोनों ही समय आरती भी करना अच्छा होगा. मां को दोनों वेला भोग भी लगाएं. सबसे सरल और उत्तम भोग है- लौंग और बताशा. मां के लिए लाल फूल सर्वोत्तम होता है. लेकिन इन्हें आक, मदार, दूब और तुलसी बिल्कुल न चढ़ाएं. अपना खान पान और आहार सात्विक रखें.
महाउपाय
1. विवाह में बाधा आ रही हो तो गुप्त नवरात्रि मेंदेवी को पीले फूलों की माला अर्पित करें. खास मंत्र का जाप करें. मंत्र रहेगा- 'कात्यायनी महामाये, महायोगिन्यधीश्वरी' 'नन्दगोपसुतं देवी, पति मे कुरु ते नमः'
2. संतान प्राप्ति में समस्या हो तो देवी को पान का पत्ता अर्पित करें. एक खास मंत्र का जाप करें. मंत्र रहेगा- 'नन्दगोपगृहे जाता यशोदागर्भ सम्भवा' 'ततस्तौ नाशयिष्यामि विन्ध्याचलनिवासिनी'
3. नौकरी में समस्या हो तो देवी को बताशे पर रखकर लौंग अर्पित करें और दिव्य मंत्र का जाप करें. मंत्र रहेगा- 'सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो धन धान्य सुतान्वितः' 'मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशयः'