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Guru Pradosh Vrat 2023 Date: गुरु प्रदोष व्रत कब है? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

Guru Pradosh Vrat 2023 Date: प्रदोष व्रत में भगवान भोलेनाथ अपने भक्तों की उपासना से जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं. उनकी पूजा-अर्चना भी बेहद सरल है. गुरु प्रदोष व्रत रखने से मनचाही इच्छा पूरी होती है. संतान संबंधी किसी भी मनोकामना की पूर्ति इस दिन की जा सकती है. गुरु प्रदोष व्रत रखने से शत्रु और विरोधी शांत होते हैं.

जानें, गुरु प्रदोष व्रत की महिमा, मुहूर्त और पूजन विधि जानें, गुरु प्रदोष व्रत की महिमा, मुहूर्त और पूजन विधि
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 15 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 6:56 PM IST

Guru Pradosh Vrat 2023 Date: हर महीने के दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष का व्रत रखा जाता है. इस दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है और उनकी कृपा से तमाम मनोकामनाओं की पूर्ति होती है. गुरुवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को गुरु प्रदोष कहा जाता है. ज्योतिषविदों का कहना है कि माघ मास के गुरु प्रदोष व्रत की महिमा और महत्व बहुत खास होता है. आइए जानते हैं कि गुरु प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और उपाय.

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गुरु प्रदोष व्रत की तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को गुरु प्रदोष व्रत पड़ रहा है. त्रयोदशी तिथि 19 जनवरी को दोपहर करीब 1 बजकर 18 मिनट से शुरू होकर 20 जनवरी को सुबह करीब 9 बजकर 59 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में गुरु प्रदोष व्रत 19 जनवरी दिन गुरुवार को मनाया जाएगा. 19 जनवरी के गुरु प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 05 बजकर 49 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 30 मिनट तक रहेगा.

गुरु प्रदोष व्रत की महिमा
प्रदोष व्रत में भगवान भोलेनाथ अपने भक्तों की उपासना से जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं. उनकी पूजा-अर्चना भी बेहद सरल है. गुरु प्रदोष व्रत रखने से मनचाही इच्छा पूरी होती है. संतान संबंधी किसी भी मनोकामना की पूर्ति इस दिन की जा सकती है. गुरु प्रदोष व्रत रखने से शत्रु और विरोधी शांत होते हैं. मुकदमों और विवादों में विजय मिलती है. लेकिन गुरु प्रदोष व्रत में शिव की आराधना के कुछ विशेष नियम हैं. ऐसा कहते हैं कि इस व्रत का पूरा फल तभी मिलता है जब आप इस व्रत के सारे नियमों का पालन करते हैं.

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गुरु प्रदोष व्रत की पूजा विधि
इस प्रदोष व्रत में शिवजी को जल और बेल पत्र अर्पित करें. उन्हें सफेद वस्तु का भोग लगाएं. शिव मंत्र "ॐ नमः शिवाय" का जाप करें. रात के समय भी शिव जी के समक्ष घी का दीपक जलाकर शिव मंत्र जप करें. रात्रि के समय आठ दिशाओं में आठ दीपक जलाएं. इस दिन जलाहार और फलाहार ग्रहण करना उत्तम होगा. नमक और अनाज का सेवन न करें.

गुरु प्रदोष व्रत देगा सौभाग्य का वरदान
अपने स्नान के जल में सात चुटकी हल्दी डालकर स्नान करें. अपने घर की उत्तर पूर्व दिशा में मिट्टी के बर्तन में जल भरकर रखें, समय-समय पर इसे बदलते रहें. पीले आसन पर बैठकर, पूर्व दिशा की तरफ मुंह कर, हल्दी की माला से बृहस्पति के मंत्रों का जाप करें. जरूरतमंद लोगों को पीला कपड़ा, पीली मिठाई, चने की दाल हल्दी गुड़ आदि का दान करें.

 

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