
दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है. इस दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है और उनकी कृपा से तमाम मनोकामनाओं की पूर्ति होती है. अलग-अलग दिन पड़ने वाले प्रदोष की महिमा अलग होती है. गुरुवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को गुरु प्रदोष कहा जाता है. इस दिन व्रत करने वाले को मनचाहा वरदान मिलता है. गुरु प्रदोष व्रत से संतान संबंधी किसी भी मनोकामना की पूर्ति की जा सकती है. मार्गशीर्ष माह का गुरु प्रदोष व्रत 28 नवंबर यानी आज है है.
गुरु प्रदोष व्रत की महिमा
गुरु प्रदोष व्रत रखने से मनचाही इच्छा पूरी होती है. संतान संबंधी किसी भी मनोकामना की पूर्ति इस दिन की जा सकती है. गुरु प्रदोष व्रत रखने से शत्रु और विरोधी शांत होते हैं. मुकदमों और विवादों में विजय मिलती है. भगवान भोलेनाथ अपने भक्तों से बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं. उनकी पूजा-अर्चना भी सरल ही है. लेकिन गुरु प्रदोष व्रत में शिव की आराधना के कुछ विशेष नियम हैं. कहते हैं कि इस व्रत का पूरा फल तभी मिलता है जब आप इस व्रत के सारे नियमों का पालन करते हैं.
गुरु प्रदोष व्रत की पूजन विधि
गुरु प्रदोष शिवजी को जल और बेल पत्र अर्पित करें. उनको सफेद वस्तु का भोग लगाएं. शिव मंत्र "ॐ नमः शिवाय" का जाप करें. रात्रि के समय भी शिवजी के समक्ष घी का दीपक जलाकर शिव मंत्र जप करें. रात्रि के समय आठ दिशाओं में आठ दीपक जलाएं. इस दिन जलाहार और फलाहार ग्रहण करना उत्तम होगा. नमक और अनाज का सेवन न करें.
संतान संबंधी बाधा होंगी दूर
एक पीतल के लोटे में हल्दी गुड़ और चने की दाल डालें. केले के पेड़ की जड़ में यह अर्पण करें और गाय के घी का दिया जलाएं. वहीं बृहस्पति स्तोत्र का तीन बार पाठ करेंय. घर वापस आते समय केले के पेड़ की जड़ से मिट्टी लें और अपने बच्चों के माथे पर तिलक करें
सौभाग्य का वरदान
अपने स्नान के जल में सात चुटकी हल्दी डालकर स्नान करें. अपने घर की उत्तर पूर्व दिशा में मिट्टी के बर्तन में जल भरकर रखें. समय-समय पर इसे बदलते रहें. पीले आसन पर बैठकर पूर्व दिशा की तरफ मुंह रखें और हल्दी की माला से बृहस्पति के मंत्रों का जाप करें. जरूरतमंद लोगों को पीला कपड़ा, पीली मिठाई, चने की दाल हल्दी गुड़ आदि का दान करें.
गुरु प्रदोष पर दूर करें शत्रु बाधा
इस दिन प्रदोष काल में भगवान शिव की उपासना करें. शिवजी को पीले फूल अर्पित करें. "ॐ नमो भगवते रुद्राय" मंत्र का 11 माला जाप करें. शत्रु और विरोधियों के शांत हो जाने की प्रार्थना करें.