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Hartalika Teej 2022: कब रखा जाएगा हरतालिका तीज का व्रत? जानें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

Hartalika Teej 2022 Kab Hai: हरतालिका तीज पर विवाहित महिलाएं पति की लंबी उम्र और कुंवारी कन्याएं मनचाहा वर पाने के लिए व्रत रखती हैं. इस दिन व्रती महिलाएं नर्जला और निराहार व्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना करती हैं. ऐसी मान्यताएं हैं कि भगवान शिव को पाने के लिए माता पार्वती ने भी यह व्रत किया था.

Hartalika Teej 2022: आने वाली है हरतालिका तीज, अभी जान लें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि Hartalika Teej 2022: आने वाली है हरतालिका तीज, अभी जान लें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 22 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 12:58 PM IST

Hartalika Teej 2022 Date And Time: भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज मनाई जाती है. हरतालिका तीज का व्रत इस साल मंगलवार, 30 अगस्त को रखा जाएगा. विवाहित महिलाएं पति की लंबी उम्र और कुंवारी कन्याएं मनचाहा वर पाने के लिए हरतालिका तीज का व्रत रखती हैं. इस दिन व्रती महिलाएं नर्जला और निराहार व्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना करती हैं. ऐसी मान्यताएं हैं कि भगवान शिव को पाने के लिए माता पार्वती ने भी यह व्रत किया था.

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हरतालिका तीज का शुभ मुहूर्त (Hartalika Teej Shubh Muhurt)
भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि सोमवार, 29 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 20 मिनट से शुरू होकर अगले दिन यानी मंगलवार, 30 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 33 मिनट तक रहेगी. हरतालिका तीज के दिन सुबह 06 बजकर 05 मिनट से लेकर 8 बजकर 38 मिनट तक और शाम 06 बजकर 33 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 51 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त रहेगा.

हरतालिका तीज व्रत के नियम (Hartalika Vrat Ke Niyam)
हरतालिका तीज का व्रत निराहार और निर्जला ही रखा जाता है. यानी इस व्रत में आप ना तो कुछ खा सकते हैं और ना ही पानी पी सकते हैं. इसी वजह से हरतालिका तीज का व्रत सबसे मुश्किल व्रतों की श्रेणी में आता है. एक बार इस व्रत की शुरुआत हो जाए तो भविष्य में आप किसी भी वर्ष इसे छोड़ नहीं सकते हैं. आपको हर वर्ष ये पूरे विधि-विधान के साथ रखना ही होगा. हरतालिका तीज पर दिन में सोने से बचें और रात को रात्रि जागरण करें.

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हरतालिका तीज व्रत पूजा विधि (Hartalika Teej Puja Vidhi)
हरतालिका तीज पर स्नानादि के बाद व्रत का संकल्प लें. पूजा स्थल को फल-फूलों से सजाकर रखें. एक चौकी लगाएं और उस पर शिव, पार्वती और गणेश की प्रतिमा स्थापित करें. भगवान शिव और माता पार्वती के सामने एक दीपक प्रज्वलित करें. इसके बाद श्रृंगार की पिटारी से सुहाग की सारी वस्तुएं रखकर माता पार्वती को अर्पित करें. भगवान को फल, फूल और मिठाई अर्पित करें. पूजा के बाद हरतालिका तीज की कथा सुनें और गरीबों को इच्छानुसार कुछ दान करें. रात में जागरण करें. सुबह आरती के बाद माता पार्वती को सिंदूर चढ़ाएं और हलवे का भोग लगाकर व्रत खोलें.

 

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