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Islamic New Year 2022: इस्लामिक कैलेंडर का नया साल शुरू, जानें इतिहास और महत्व

इस्लाम धर्म के अनुसार, मुहर्रम से नए साल की शुरुआत होती है. मुहर्रम को शोक का महीना कहा जाता है. इस्लामिक कैलेंडर, ग्रेगोरियन कैलेंडर की तुलना में 11 दिन छोटा होता है. इस साल इस्लामिक नववर्ष 29 जुलाई 2022 यानी आज से शुरू हो रहा है.

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 29 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 5:32 PM IST

इस्लामिक नववर्ष को हिजरी न्यू ईयर के नाम से भी जाना जाता है जिसकी शुरुआत मुहर्रम के महीने से होती है. इस साल इस्लामिक न्यू ईयर की शुरुआत 29 जुलाई 2022 शुक्रवार के दिन से हो रही है. इस्लामिक न्यू ईयर की डेट हर साल बदलती रहती है. इस्लामिक हिजरी कैलेंडर, ग्रेगोरियन कैलेंडर की तुलना में लगभग 11 दिन छोटा होता है. इस्लामिक कैंलेंडर में 354 या 355 दिन होते हैं.  मुहर्रम को इस्लामिक साल का पहला महीना माना जाता है जो रमजान के बाद दूसरा सबसे पवित्र महीना होता है. 

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इतिहास और महत्व- 

इस्लामिक न्यू ईयर की शुरुआत 622 AD  में हुई थी जब पैगंबर मोहम्मद  और उनके साथियों को मक्का छोड़कर मदीना जाने के लिए मजबूर किया गया था. पैगंबर और उनके साथियों को मक्का में इस्लाम  का संदेश का प्रचार- प्रसार करने से भी रोका गया था. हजरत मोहम्मद जब मक्का से निकलकर मदीना में बस गए तो इसे हिजरत कहा गया. इसी से हिज्र बना और जिस दिन वो मक्का से मदीना आए, उसी दिन से हिजरी कैलेंडर शुरू  हुआ. 

इस्लाम धर्म के अनुसार, मुहर्रम के महीने को शोक या मातम का महीना कहा जाता है. इस महीने की 10 तारीख को इमाम हुसैन की शहादत हुई थी, जिसके चलते इस दिन को रोज-ए-आशुरा कहते हैं. इस दिन को मुहर्रम के महीने का सबसे अहम दिन माना जाता है. इस बार मुहर्रम 19 अगस्त को मनाया जाएगा. इस दिन ताजिया निकाले जाते हैं और उन्हें कर्बला में दफन किया जाता है. 

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