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प्रेमानंद महाराज को हंसा-हंसा कर लोटपोट कर देने वाले 'जोजो-जॉनी' का इंटरव्यू... डिप्रेशन के दिनों में लोगों को हंसाने का उठाया था बीड़ा

Jojo Johnny Interview: प्रेमानंद जी महाराज को कला इतनी पसंद आई कि उन्होंने अपने शिष्यों को भेजकर फिर से जोजो-जॉनी को बुलाया. बतौर इनाम 500-500 रुपए में दिए और उन्हें सम्मानित किया. यही नहीं, प्रसादी भी ग्रहण करवाई. 

प्रेमानंद महाराज को हंसा-हंसा कर लोटपोट करने वाले 'जोजो-जॉनी'. प्रेमानंद महाराज को हंसा-हंसा कर लोटपोट करने वाले 'जोजो-जॉनी'.
विशाल शर्मा
  • जयपुर/मथुरा ,
  • 24 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 7:42 PM IST

Premanand Ji praises ventriloquism: वृंदावन के प्रमुख संत प्रेमानंदजी महाराज एक वीडियो में जोजो और जॉनी नामक पपेट्स के साथ बातचीत के दौरान ठहाके लगाते नजर आ रहे हैं. इस वीडियो में वेंट्रिलोक्विस्ट राहुल मिश्रा (Rahul Mishra ventriloquism performance) ने जोजो और जॉनी नामक पपेट्स के जरिए महाराज से संवाद किया. जिस पर प्रेमानंद जी लगातार ठहाके लगाते और उनकी कला की सराहना करते दिखाई दे रहे हैं. 

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राजस्थान की राजधानी जयपुर के राहुल मिश्रा देशभर में एक वेंट्रिलोक्विस्ट (Ventriloquist) के रूप में पहचान बना चुके हैं. वेंट्रिलोक्विज्म (पेटबोली) एक अनोखी कला है, जिसमें कलाकार बिना होठ हिलाए आवाज निकालता है, जिससे ऐसा लगता है कि कोई अन्य व्यक्ति या पपेट बोल रहा है.

वेंट्रिलोक्विस्ट राहुल मिश्रा ने बताया, मेरे पास जोजो और जॉनी नाम के दो पपेट्स हैं, जिनके जरिए मैं अपनी परफॉर्मेंस देता हूं. वृंदावन में प्रेमानंद जी महाराज से मुलाकात के दौरान जोजो और जॉनी ने उनसे संवाद किया, जिस पर वे लगातार हंसते रहे और बोले- 'ये खिलौने खुद कैसे बोलते हैं? यह तो अद्भुत कला है.' 

बकौल राहुल मिश्रा, प्रेमानंद जी महाराज ने मेरी इस कला की काफी सराहना की. महाराज जी को कला इतनी पसंद आई कि जब मैं बाहर निकला तो उन्होंने अपने शिष्यों को भेजकर फिर से बुलाया. महाराज ने मेरे जोजो और जॉनी को बतौर इनाम 500-500 रुपए के रूप में दिए और उन्हें सम्मानित किया. यही नहीं, प्रसादी ग्रहण करवाई. 

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राहुल मिश्रा ने डिप्रेशन के दिनों में लोगों को हंसाने का उठाया बीड़ा. (फोटो:aajtak)

वेंट्रिलोक्विस्ट ने कहा, यह मेरे लिए बहुत बड़ी बात है और मेरे जैसे युवा उनके भक्त हैं और उनकी वाणी और प्रवचनों को फॉलो करते हैं. जब मैं बाहर निकला तो बृजवासियों ने घेर लिया और कहा कि हमने महाराजजी को इतना हंसते हुए नहीं देखा है, आपने कमाल कर दिया.

दरअसल, राहुल ने अपने करियर की शुरुआत थिएटर से की थी, लेकिन इस क्षेत्र में पर्याप्त कमाई न होने के कारण उन्होंने जॉब शुरू किया. लेकिन लॉकडाउन के बाद नौकरी चली गई तो वो डिप्रेशन में आ गए. फिर दोस्तों ने उन्हें एक पपेट बनाकर दिया, जिससे उन्होंने वीडियो बनाए. टिकटॉक पर उनके वीडियो वायरल हुए, लेकिन असली सफलता तब मिली जब उन्होंने अपनी कला को और निखारा. फिर बड़े मंचों तक पहुंचे. राहुल कई बड़े शोज का हिस्सा रह चुके हैं और अपनी कला का प्रदर्शन कर चुके हैं.

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