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Jyeshtha Amavasya 2024: आज है ज्येष्ठ अमावस्या की शनि जयंती, जानें शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व

Jyeshtha Amavasya 2024: ज्येष्ठ अमावस्या के दिन दान और उपवास का विशेष महत्व होता है. इस दिन विशेष प्रयोगों से विशेष लाभ होते हैं. इस बार ज्येष्ठ की अमावस्या 6 जून यानी आज की है. आज ज्येष्ठ अमावस्या के साथ शनि जयंती और वट सावित्री व्रत भी मनाया जा रहा है.

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aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 06 जून 2024,
  • अपडेटेड 7:48 AM IST

Jyeshtha Amavasya 2024: इस बार ज्येष्ठ अमावस्या 6 जून यानी आज मनाई जा रही है. ज्येष्ठ अमावस्या के दिन को बहुत महत्वपूर्ण और शुभ दिन माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिल जाती है. ज्येष्ठ अमावस्या के दिन पितरों के तर्पण बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. इस बार ज्येष्ठ अमावस्या बहुत ही खास मानी जा रही है क्योंकि आज शनि जयंती और वट सावित्री व्रत भी मनाया जा रहा है. 

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शनि जयंती का अर्थ है शनिदेव का जन्मदिवस. सूर्य के पुत्र शनिदेव देवों के न्यायधीश, कर्मफलदाता और दंडधिकारी भी हैं. ऐसा कहा जाता है कि जिसके ऊपर शनिदेव की कुपित दृष्टि हो, वह व्यक्ति राजा से रंक बन जाता है. अगर आप शनिदेव की कृपा पाना चाहते हैं तो इस दिन शनिदेव के लिए व्रत और पूजा जरूर करें.

ज्येष्ठ अमावस्या शुभ मुहूर्त (Jyeshtha Amavasya 2024 Shubh Muhurat)

ज्येष्ठ अमावस्या का मुहूर्त 5 जून यानी कल शाम 7 बजकर 54 मिनट पर शुरू हो चुका है और मुहूर्त का समापन 6 जून यानी आज सुबह 6 बजकर 07 मिनट पर होगा. 

ज्येष्ठ अमावस्या पूजन मुहुर्त (Jyeshtha Amavasya 2024 Pujan Muhurat)

स्नान और दान का शुभ समय- सुबह 04 बजकर 02 मिनट से सुबह 4 बजकर 42 मिनट तक 
अभिजीत मूहूर्त- सुबह 11 बजकर 52 मिनट से दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक

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शनि जयंती पूजन विधि (Shani jayanti Pujan vidhi) 

शास्त्रों के अनुसार, शनि जयंती पर शनिदेव की पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व है. इस दिन प्रात: काल उठकर स्नान आदि कर लें. शनिदेव की मूर्ति पर तेल, फूल माला और प्रसाद अर्पित करें. उनके चरणों में काले उड़द और तिल चढ़ाएं. इसके बाद तेल का दीपक जलाकर शनि चालीसा का पाठ करें. इस दिन व्रत करने से भी शनिदेव की विशेष कृपा प्राप्त होती है. शनि जयंती के दिन किसी निर्धन व्यक्ति को भोजन कराना बेहद शुभ फल देता है.

माना जाता है कि इस दिन दान आदि करने से जीवन के सभी संकट दूर हो जाते हैं. आमतौर पर लोगों में शनिदेव को लेकर डर देखा गया है. कई ऐसी धारणाएं बनी हुई हैं कि शनिदेव सिर्फ लोगों का बुरा करते हैं. पर सत्य इससे बिल्कुल परे है. शास्त्रों के अनुसार, शनिदेव व्यक्ति के कर्मों के अनुसार उसकी सजा तय करते हैं. शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या मनुष्य के कर्मों के आधार पर ही उसे फल देती है.

ज्येष्ठ अमावस्या पूजन विधि (Jyeshtha Amavasya Pujan Vidhi)

स्नान के पश्चात सूर्य देव को अर्घ्य देकर बहते जल में तिल प्रवाहित करें. पीपल के वृक्ष को भी जल अर्पित करना चाहिए. इस दिन चूंकि कुछ क्षेत्रों में शनि जयंती भी मनाई जाती है इसलिए शनिदेव की तेल, तिल और दीप आदि जलाकर पूजा करनी चाहिए. शनि चालीसा का पाठ भी कर सकते हैं या फिर शनि मंत्रों का जाप कर सकते हैं. अपने सामर्थ्य के अनुसार दान-दक्षिणा भी अवश्य देनी चाहिए.
   
ज्येष्ठ अमावस्या पर जरूर करें ये काम (jyeshtha Amavasya Upay)

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1. अमावस्या के दिन पितृदोष और गृहदोष दूर करने के कार्य किए जाते हैं. 

2. ज्येष्ठ अमावस्या पर दान पुण्य का कार्य किया जा सकता है. 

3. इस दिन घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर करने के लिए हनुमानजी का पूजन कर सकते हैं. 

4. अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में जैसे गंगा, यमुना, सरस्वती में स्नान करने का विधान है

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