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Kedarnath Temple: कब खुलेंगे बाबा केदारनाथ धाम के कपाट? शिवरात्रि पर मंदिर समिति ने बताई तारीख

केदारनाथ चारों धाम में सबसे प्रमुख धाम माना जाता है. उस पवित्र धाम में केदारनाथ ज्योतिर्लिंग की स्थापना हुई थी. आज महाशिवरात्रि के मौके पर केदारनाथ ज्योतिर्लिंग के कपाट खोलने की तिथि आज शीतकालीन गद्दीस्थल ओम्कारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में घोषित की गई है. भक्तगण भगवान भोलेनाथ के दर्शन कब से कर पाएंगे, इस बारे में आगे जानेंगे.

(Image credit: pexels) (Image credit: pexels)
प्रवीण सेमवाल
  • नई दिल्ली,
  • 01 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 2:50 PM IST
  • केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने की घोषणा हुई
  • कोविड गाइड लाइन का करना होगा पालन
  • केदारनाथ में अभी चारों तरफ बर्फ ही बर्फ है

द्वादश ज्योतिर्लिंगों में अग्रणी व पर्वतराज हिमालय की गोद में बसे भगवान केदारनाथ के कपाट खोलने और पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के ऊखीमठ से कैलाश रवाना होने की तिथि महाशिवरात्रि पर घोषित की गई है. शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में रावल भीमाशंकर लिंग, मन्दिर समिति के पदाधिकारियों और विद्वान आचार्यों की मौजूदगी में पंचाग गणना के अनुसार तिथि घोषित की गई है. मंदिर के कपाट 6 मई प्रातः 6 बजकर 25 मिनट पर खुलेंगे. केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर से 2 मई को रवाना होगी. इसके बाद 3 मई को बाबा की डोली फाटा पहुंचेगी, 4 मई को गौरीकुंड और 5 मई को केदारनाथ में रात्रि प्रवास करेगी. 

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मंदिर समिति द्वारा कपाट खोलने की तिथि घोषित होने की सभी तैयारियां पहले से ही पूरी कर ली गई थीं. आज महाशिवरात्रि के मौके पर भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मन्दिर को 8 क्विंटल फूलों से सजाया गया है. वहीं शिवरात्रि से पहले केदारनाथ मंदिर का श्रृंगार बर्फ ने किया है. इस शिव धाम में पांच फीट तक बर्फ पड़ी है और केदारनाथ धाम में चारों और सिर्फ बर्फ ही बर्फ है.

कोविड गाइड लाइन को होगा पालन

8 क्विंटल फूलों से सजाया गया मंदिर

महाशिवरात्रि पर भगवान केदारनाथ के कपाट खोलने की तिथि तो घोषित हो गई है, लेकिन कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन करने को कहा गया है. कोरोना गाइडलाइन में भक्तों द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग के तहत पूजा-अर्चना, जलाभिषेक, कीर्तन भजन करने को लेकर भी नियम बनाए गए हैं. 

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धूमधाम से मनाई शिवरात्रि 

महाशिवरात्रि के मौके पर दिल्ली के भक्तों की ओर से विशाल भंडारे का आयोजन भी किया गया है. प्रधान पुजारी बागेश लिंग ने बताया कि महाशिवरात्रि पर्व पर भगवान केदारनाथ के कपाट खोलने तथा पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के ऊखीमठ से कैलाश रवाना होने की तिथि पंचाग गणना के अनुसार घोषित की गई है और हमने सभी तैयारियां भी कर ली हैं. मंदिर को लगभग 8 क्विंटल फूलों से भव्य रूप से सजाया गया है.

उन्होंने बताया कि विगत 2 सालों से वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के कारण भगवान केदारनाथ के कपाट खुलने के बाद यात्रा पर विराम लग गया था. इसलिए इस साल स्थानीय तीर्थ पुरोहितों और व्यापारियों में भारी उत्साह बना हुआ है. महाशिवरात्रि पर्व पर केदारनाथ, मदमहेश्वर, विश्वनाथ मन्दिर गुप्तकाशी तथा ओंकारेश्वर मन्दिर में प्रधान पुजारियों की मौजूदगी में पूजा अर्चना की गई. 

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