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नवरात्रि पर चार देशों के फूलों से सजाया गया मां वैष्णो देवी का दरबार, इस बार खास है 'थीम'

पिछले 25 सालों की तरह इस साल भी मां वैष्णो देवी का धाम देसी और विदेशी फूलों से महक उठा है. दुनिया के चार देशों और आठ भारतीय शहरों से 70 ट्रकों के जरिए यहां तक पहुंचे तरह-तरह के फूलों से मां का दरबार सजाया गया.

वैष्णों देवी मंदिर वैष्णों देवी मंदिर
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 08 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 11:21 PM IST

नवरात्र के त्योहार पर पिछले 25 सालों की तरह मां वैष्णो देवी का धाम देसी और विदेशी फूलों से महक उठा है. दुनिया के चार देशों और आठ भारतीय शहरों से 70 ट्रकों के जरिए यहां तक पहुंचे तरह-तरह के फूलों से मां का दरबार सजाया गया. कंजक रूप में माता के बाल स्वरूपों की ऐसी अद्भुत झांकियां फूलों में सजाई गई हैं कि भाव विभोर श्रद्धालु उनके दर्शन कर यात्रा मार्ग की थकान भूल जाते हैं.

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पिछले 25 साल से पुष्प सजावट सेवा करते आ रहे एमिल फार्मा के प्रबंध निदेशक केके शर्मा के मुताबिक भवन से करीब सवा किलोमीटर तक की दूरी सिर्फ फूलों और उनकी सुगंध से सराबोर है. मां के बाल स्वरूप पर आधारित इस पूरी सज्जा को देख हर कोई आकर्षित हो रहा है. मां की प्राचीन गुफा फलों और फूलों से सजी है. इनके अलावा बाणगंगा स्थित दर्शनी ड्योढी और अर्धकुंवारी गर्भजून गुफा परिसर भी पुष्प सज्जित है.

एमिल फार्मा के कार्यकारी निदेशक संचित शर्मा के मुताबिक यहां सजावट के लिए सेब, आम, अंगूर, अनार, अमरूद, अनन्नास, मंदारिन संतरा और नाशपाती झूम रहे हैं. जबकि विदेशों से आए फूलों में हाइड्रेंजिया मिश्रित, राजा प्रोटिया गुलाबी, केप बाल्टी, हाइपरिकम बेरी लाल, बंकासिया मिश्रित, सिम्बिडियम और ट्यूलिप के अलावा इटालियन रस्कस और सिल्वर डॉलर तक शामिल है. भारतीय फूल में गुलाब (मिश्रित रंग), कार्नेशन, लिमोनियम, ऑर्किड बैंगनी और हरा, डेजी ऑल मिक्स कलर (गुलदाउरी), जरबेरा, हाइड्रेंजिया, एशियाई लिली, सेलोसिया गहरा गुलाबी/पीला/लाल, स्नैपड्रैगन- (पीला और सफेद) और जिप्सोफिला शामिल है.

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करीब 450 कुशल कारीगर सजावट में लगे हैं. कट फ्लावर आर्ट के दक्ष कारीगर कोलकाता और उत्तर प्रदेश से बुलाए गए हैं. झांकियों के अलावा कई तोरण द्वार भी सजाए गए हैं. इनमें सबसे आकर्षक है एक लाख से ज्यादा सिक्कों से बना द्वार.

पिछले 25 वर्षों से मां वैष्णो धाम को शारदीय और वासंतिक दोनों नवरात्र में इसी तरह फूलों से सजाया जा रहा है. वो भी स्वेच्छा से. उन्होंने बताया कि इस वर्ष माता के बाल स्वरूप को थीम रखा गया है. मध्यप्रदेश में सतना के कलाकारों ने मां के बाल स्वरूप की विभिन्न प्रतिमाएं गढ़ी हैं.

थाईलैंड, न्यूजीलैंड, हॉलैंड के साथ साथ भारत के भी अलग अलग शहरों से फूल मंगाए गए हैं. ऐसी ही सजावट देश के कई हिस्सों में स्थित तीर्थ धामों में भी कराई जाती रही है. ऐसे पावन धामों में कांगड़ाजी, सिद्धि विनायक, कामाख्या देवी, अमरनाथ गुफा सहित कई पुण्य स्थली शामिल हैं.

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