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Magh Maas 2022: कब से शुरू हो रहा है माघ माह? जानें इस पवित्र महीने का महत्व

Magh Month 2022: माघ का महीना हिंदू धर्म में बहुत पवित्र माना जाता है. इस महीने की शुरुआत के साथ ही मांगलिक कार्य भी शुरू हो जाते हैं. माघ के महीने में स्नान, दान, उपवास और तप का विशेष महत्व माना गया है. इस महीने में प्रमुख तीर्थ स्थल जैसे- प्रयागराज, हरिद्वा में धार्मिक मेलों का आयोजन होता है. इस बार इस महीने की शुरुआत 18 जनवरी से हो रही है.

Magh Month 2022: Magh Month 2022:
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 15 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 1:24 PM IST
  • संगम पर "कल्पवास" भी किया जाता है इसी महीने
  • श्रीकृष्ण पूजा और नदी स्नान का है विशेष महत्व

Magh Month 2022 Date: माघ माह हिंदू कलैंडर का 11वां महीना है. इस बार 18 जनवरी से माघ मास आरंभ हो रहा है, जिसका समापन 16 फरवरी 2022 को होगा. धार्मिक मान्यता के अनुसार इस महीने को अत्यंत पवित्र माना जाता है.  पुराणों के अनुसार माघ का महीना पहले माध का महीना कहलाता था, जो बाद में माघ हो गया. माध शब्द का संबंध भगवान श्री कृष्ण के स्वरूप माधव से है. आइए बताते हैं इस पवित्र महीने का महत्व... 

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माघ मास महत्व
माघ के महीने में पवित्र नदी में स्नान, दान आदि के लिए अत्यंत शुभ माना गया है. माघ महीने में ढेर सारे धार्मिक पर्व आते हैं साथ ही प्रकृति भी अनुकूल होने लगती है. इस माह में संगम पर कल्पवास भी किया जाता है जिससे व्यक्ति शरीर और आत्मा से नया हो जाता है. पौराणिक कथा के अनुसार माघ मास में गौतम ऋषि ने इन्द्र देव को श्राप दिया था. जब इन्द्र देव को अपनी गलती का एहसास हुआ तो उन्होने गौतम ऋषि से क्षमा याचना की. गौतम ऋषि ने इन्द्र देव को माघ मास में गंगा स्नान कर प्रायश्चित करने को कहा.  तब इन्द्र देव ने माघ मास में गंगा स्नान किया था, जिसके फलस्वरूप इन्द्र देव को श्राप से मुक्ति मिली थी. इसलिए इस महीनें में माघी पूर्णिमा व माघी अमावस्या के दिन का स्नान का विशेष महत्व है.

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सुख शांति और समृद्धि के लिए पूजा
नित्य प्रातः भगवान् कृष्ण को पीले फूल और पंचामृत अर्पित करें. इसके बाद "मधुराष्टक" का पाठ करें या निम्न मंत्र का जाप करें. "श्री माधव दया सिंधो भक्तकामप्रवर्षण। माघ स्नानव्रतं मेऽद्य सफलं कुरु ते नमः॥" नित्य किसी निर्धन व्यक्ति को भोजन कराएं. सम्भव हो तो एक ही वेला भोजन करें.

माघ में खान-पान में बदलाव
गर्म पानी को धीरे-धीरे छोड़कर सामान्य जल से स्नान करना शुरू कर देना चाहिए. सुबह देर तक सोना तथा स्नान न करना अब स्वास्थ्य के लिए उत्तम नहीं होगा. इस महीने से भारी भोजन छोड़कर हलके भोजन की और आना चाहिए. इस महीने में तिल और गुड का प्रयोग विशेष लाभकारी होता है. इस माह में अगर केवल एक वेला भोजन किया जाए तो आरोग्य और एकाग्रता की प्राप्ति होती है.

 

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