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Magh Purnima 2023: माघ माह में पड़ने वाली पूर्णिमा को माघ पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है. पौष पूर्णिमा से माघ पूर्णिमा के बीच माघ स्नान किया जाता है. माघ पूर्णिमा के दिन सभी सरोवरों, तीर्थस्थानों, नदियों अथवा घर पर ही शुद्धता पूर्वक स्नान करने की महत्ता बताई गई है. माघ पूर्णिमा पर अनेक तीर्थ स्थानों के तटों पर मेलों का आयोजन किया जाता है. धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से माघ पूर्णिमा का विशेष महत्व बताया गया है. इस साल माघ पूर्णिमा 05 फरवरी यानी आज मनाई जा रही है.
गंगा में कर रहे श्रद्धालु
प्रयागराज के संगम तट पर लगे आस्था के मेले में माघी पूर्णिमा का स्नान चल रहा है. लाखों श्रद्धालु त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम भी किए गए हैं माघ मेले का यह पांचवा स्थान है भारी संख्या में श्रद्धालु त्रिवेणी पर आस्था की डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं. माघी पूर्णिमा के इस स्नान पर्व के साथ ही संगम की रेती पर एक महीने से तम्बुओं में रहकर कल्पवास कर रहे लाखों कल्पवासियों के कल्पवास का समापन भी हो जाएगा. श्रद्धालु विदा होने से पहले संगम पर भक्ति में लीन है. अपना घर परिवार छोड़कर एक महीने से संगम की रेती में संयम और संकल्प के साथ पूजा अर्चना कर रहे हैं. यहां जुटे लाखों कल्पवासी भी आज ही के दिन इस कामना के साथ अपने घर लौट जायेंगे की अगले बरस गंगा मैय्या उन्हें दुबारा कल्पवास करने के लिए बुलाएगी.
माघ पूर्णिमा शुभ मुहूर्त (Magh Purnima 2023 Shubh Muhurat)
हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ पूर्णिमा की शुरुआत 04 फरवरी 2023 यानी कल रात 09 बजकर 29 मिनट पर हो चुकी है और इसका समापन 05 फरवरी यानी आज रात 11 बजकर 58 मिनट पर होगा. उदयातिथि के अनुसार, माघ पूर्णिमा 05 फरवरी यानी आज ही मनाई जा रही है. माघ पूर्णिमा के मौके पर आज कई शुभ योग भी बन रहे हैं. आज रवि पुष्य योग सुबह 07 बजकर 07 मिनट से दोपहर 12 बजकर 13 मिनट तक रहेगा. इससे पूर्णिमा का महत्व और भी ज्यादा बढ़ गया है. वहीं, सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 7 बजकर 7 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 13 मिनट तक रहेगा.
माघ पूर्णिमा के दिन करें ये उपाय (Magh Purnima 2023 Upay)
1. माघ पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें और उन्हें प्रणाम करें.
2. इसके बाद इस मंत्र का 108 बार जाप करें. मंत्र: ‘ॐ घृणि सूर्याय नमः’.
3. माघ पूर्णिमा व्रत का संकल्प लें और काले तिल से अपने पितरों का तर्पण करें और फिर हवन करें.
4. माघ पूर्णिमा व्रत के दौरान किसी से झूठ बोलने, किसी पर क्रोध करने किसी के बारे में अप शब्द बोलने से बचें.
5. अपने पितरों का ध्यान करें और ध्यान करते हुए अपने सामर्थ्य अनुसार दान दें.