
Mahashivratri 2022: महाशिवरात्रि का पर्व इस साल मंगलवार, 1 मार्च को मनाया जाएगा. भगवान शिव को समर्पित यह त्योहार इस साल बेहद खास होने जा रहा है. ज्योतिषियों की मानें तो महाशिवरात्रि पर इस साल दो शुभ संयोग बन रहे हैं. इसके अलावा इस दिन पंचग्रही योग भी बन रहा है. शुभ संयोग और शुभ मुहूर्त में भगवान शिव की आराधना करने से उनके भक्तों को मनोवांछित फलों की प्राप्ति होगी.
क्या है खास संयोग
ज्योतिषियों का कहना है कि महाशिवरात्रि पर इस साल धनिष्ठा नक्षत्र में परिघ योग रहेगा. धनुष्ठा के बाद शतभिषा नक्षत्र रहेगा. जबकि परिध योग के बाद शिव योग लगेगा. परिध योग में शत्रुओं के खिलाफ बनाई रणनीतियों में सफलता मिलती है. यानी शत्रुओं पर विजय हासिल करने के लिए इसे बहुत महत्वपूर्ण समझा जाता है.
महाशिवरात्रि पर ग्रहों का योग
महाशिवरात्रि पर इस बार ग्रहों का विशेष योग बन रहा है. 12वें भाव में मकर राशि में पंचग्रही योग बनेगा. इस राशि में मंगल और शनि के साथ बुध, शुक्र और चंद्रमा रहेंगे. लग्न में कुंभ राशि में सूर्य और गुरु की युति बनी रहेगी. चौथे भाव में राहु वृषभ राशि में रहेगा, जबकि केतु दसवें भाव में वृश्चिक राशि में रहेगा.
महाशिवरात्रि पुर शुभ मुहूर्त (Mahashivratri 2022 Shubh Muhurat)
महाशिवरात्रि के दिन सुबह 11.47 से दोपहर 12.34 तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा. इसके बाद दोपहर 02.07 से लेकर 02.53 तक विजय मुहूर्त रहेगा. पूजा या कोई शुभ कार्य करने के लिए ये दोनों ही मुहूर्त सर्वश्रेष्ठ हैं. शाम के वक्त 05.48 से 06.12 तक गोधूलि मुहूर्त रहने वाला है.
पूजन विधि (Mahashivratri 2022 Puja Vidhi)
महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव को पंचामृत से स्नान करा कराएं. केसर के 8 लोटे जल चढ़ाएं. पूरी रात्रि का दीपक जलाएं. चंदन का तिलक लगाएं. बेलपत्र, भांग, धतूरा, गन्ने का रस, तुलसी, जायफल, कमल गट्टे, फल, मिष्ठान, मीठा पान, इत्र व दक्षिणा चढ़ाएं. सबसे बाद में केसर युक्त खीर का भोग लगा कर प्रसाद बांटें. ॐ नमो भगवते रूद्राय, ॐ नमः शिवाय रूद्राय शम्भवाय भवानीपतये नमो नमः मंत्र