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Mahashivaratri 2023: महाशिवरात्रि पर आज भूलकर न करें ये काम, वरना रुष्ट हो जाएंगे भोलेनाथ

Mahashivaratri 2023: इस बार महाशिवरात्रि का व्रत 18 फरवरी 2023 यानी आज है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव का विवाह हुआ था. महाशिवरात्रि पर्व फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. आइए जानते हैं कि महाशिवरात्रि के दिन कौन से कार्यों को करने से बचना चाहिए.

महाशिवरात्रि 2023 महाशिवरात्रि 2023
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 18 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 8:52 AM IST

Mahashivaratri 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है. इस बार 18 फरवरी 2023 यानी आज महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जा रहा है. मान्यता के अनुसार, महाशिवरात्रि भगवान शिव की उपासना के लिए सर्वोच्च दिन होता है. आज लोग महाशिवरात्रि का व्रत रखेंगे. इस दिन व्रती लोगों को कुछ विशेष नियम और सावधानियों का भी पालन करना होगा. आइए जानते हैं कि महाशिवरात्रि के व्रत में कौन से कार्य करने से बचना चाहिए.

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1. काले कपड़ों से बचें

महाशिवरात्रि पर स्नान किए बगैर कुछ ना खाएं. व्रत नहीं है तब भी बिना स्नान किए भोजन ग्रहण ना करें. महाशिवरात्रि के दिन काले रंग के कपड़े ना पहनें. इस दिन काले रंग के कपड़े पहनना अशुभ समझा जाता है. साथ ही साथ शिवलिंग पर चढ़ाए जाने वाले प्रसाद को ग्रहण ना करें, क्योंकि इससे दुर्भाग्य आता है. ऐसा करने से धन हानि भी हो सकती हैं.

2. ये चीजें न खाएं

शिवरात्रि के त्योहार पर दाल, चावल या गेहूं से बने खाद्य पदार्थों का सेवन ना करें. व्रत में आप दूध या फलों का सेवन कर सकते हैं. सूर्यास्त के बाद कुछ भी ना खाएं. इस दिन सुबह जल्दी उठकर नहाने से तन और मन की शुद्धि होती है. इसलिए इसी काम के साथ दिन की शुरुआत करें. नए या साफ-सुथरे वस्त्र पहनकर व्रत का संकल्प लें.

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3. रात में न सोएं

शिवरात्रि के त्योहार पर देर तक ना सोएं और रात के समय सोने से बचें. रात्रि जागरण के दौरान भगवान शिव के भजन सुनें और आरती करें. व्रत को अगली सुबह स्नान के बाद प्रसाद ग्रहण कर शिवजी को तिलक लगाकर व्रत खोला जा सकता है.

4. शिवलिंग पर कुमकुम न चढ़ाएं

शिवलिंग पर कभी भी कुमकुम का तिलक ना लगाएं. महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए चंदन का टीका लगा सकते हैं. हालांकि, भक्तजन मां पार्वती और भगवान गणेश की मूर्ति पर कुमकुम का टीका लगा सकते हैं.

5. टूटे हुए अक्षत

भगवान शिव की पूजा में भूलकर भी टूटे हुए चावल नहीं चढ़ाया जाना चाहिए. अक्षत का मतलब होता है अटूट चावल, यह पूर्णता का प्रतीक है. इसल‌िए श‌िव जी को अक्षत चढ़ाते समय यह देख लें क‌ि चावल टूटे हुए तो नहीं है. शिवरात्रि का व्रत सुबह शुरू होता है और अगली सुबह तक रहता है. व्रती को फल और दूध ग्रहण करना चाहिए, हालांकि सूर्यास्त के बाद आपको कुछ नहीं खाना चाहिए.

6. केतकी के फूल ना चढ़ाएं 

भगवान शिव को भूलकर भी केतकी और चंपा फूल नहीं चढ़ाएं. ऐसा कहा जाता है कि इन फूलों को भगवान शिव ने शापित किया था. केतकी का फूल सफेद होने के बावजूद भोलेनाथ की पूजा में नहीं चढ़ाना चाहिए.

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7. टूटे हुए बलेपत्र 

शिवरात्रि पर तीन पत्रों वाला बेलपत्र शिव को अर्पित करें और डंठल चढ़ाते समय आपकी तरफ हो. टूटे हुए या कटे-फटे बेलपत्र नहीं चढ़ाना चाहिए.

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