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Makar Sankranti 2022: 14 या 15 जनवरी, कब मनाई जाएगी मकर संक्रांति? जानें सही तिथि और शुभ मुहूर्त

Makar Sankranti 2022: मकर संक्रांति पर पवित्र नदियों में स्नान, दान, जाप करने का विशेष महत्व माना जाता है. इस दिन सूर्य उत्तरायण होते हैं. सूर्य धनु से निकलकर मकर राशि में अपनी यात्रा आरंभ करते हैं इसलिए इसे मकर संक्रांति कहा जाता है. इस बार मकर संक्रांति की तिथियों को लेकर उलझन है. आइये जानते हैं कि 14 या 15 जनवरी मकर संक्रांति कब मनाई जाएगी ?

Makar Sankranti 2022 Makar Sankranti 2022
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 09 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 11:29 AM IST
  • जानें पुण्यकाल मुहूर्त व महापुण्य काल मुहूर्त
  • दो तिथियों को लेकर उलझन में हैं लोग

Makar Sankranti 2022 Date: मकर संक्रांति पर इस बार दो तिथियों को लेकर लोग उलझन में हैं. हालांकि संक्रांति तब शुरू होती है जब सूर्य देव राशि परिवर्तन कर मकर राशि में पहुंचते हैं. इस बार सूर्य देव 14 जनवरी की दोपहर 2 बजकर 27 मिनट पर गोचर कर रहें हैं. ज्योतिषाचार्य के अनुसार सूर्य अस्त से पहले यदि मकर राशि में सूर्य प्रवेश करेंगे, तो इसी दिन पुण्यकाल रहेगा. 16 घटी पहले और 16 घटी बाद का पुण्यकाल विशेष महत्व रखता है.    

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मकर संक्रांति मुहूर्त (Makar Sankranti Shubh Muhurat)
ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र ने बताया कि मुहूर्त चिंतामणि ग्रंथ के अनुसार मकर संक्रांति का पुण्यकाल मुहूर्त सूर्य के संक्रांति समय से 16 घटी पहले और 16 घटी बाद का पुण्यकाल होता है. इस बार पुण्यकाल 14 जनवरी को सुबह 7 बजकर 15 मिनट से शुरू हो जाएगा, जो शाम को 5 बजकर 44 मिनट तक रहेगा. इसमें स्नान, दान, जाप कर सकते हैं. वहीं स्थिर लग्न यानि समझें तो महापुण्य काल मुहूर्त 9 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक रहेगा. इसके बाद दोपहर 1 बजकर 32 मिनट से 3 बजकर 28 मिनट तक.  

मकर संक्रांति को क्या करें?
इस दिन प्रातःकाल स्नान कर लोटे में लाल फूल और अक्षत डाल कर सूर्य को अर्घ्य दें. सूर्य के बीज मंत्र का जाप करें. श्रीमदभागवद के एक अध्याय का पाठ करें या गीता का पाठ करें. नए अन्न, कम्बल, तिल और घी का दान करें. भोजन में नए अन्न की खिचड़ी बनाएं. भोजन भगवान को समर्पित करके प्रसाद रूप से ग्रहण करें.  संध्या काल में अन्न का सेवन न करें. इस दिन किसी गरीब व्यक्ति को बर्तन समेत तिल का दान करने से शनि से जुड़ी हर पीड़ा से मुक्ति मिलती है.

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मकर संक्रांति का महत्व (Makar Sankranti Significance)
मकर संक्राति के पर्व को कहीं-कहीं उत्तरायण भी कहा जाता है. मकर संक्राति के दिन गंगा स्नान, व्रत, कथा, दान और भगवान सूर्यदेव की उपासना करने का विशेष महत्त्व है. इस दिन किया गया दान अक्षय फलदायी होता है. इस दिन शनि देव के लिए प्रकाश का दान करना भी बहुत शुभ होता है. पंजाब, यूपी, बिहार और तमिलनाडु में यह समय नई फसल काटने का होता है. इसलिए किसान इस दिन को आभार दिवस के रूप में भी मनाते हैं. इस दिन तिल और गुड़ की बनी मिठाई बांटी जाती है. इसके अलावा मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाने की भी परंपरा है. 

 

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