
Mangal Rashi Parivartan 2024: ग्रहों के सेनापति मंगल अभी तक देवगुरु बृहस्पति के साथ वृष राशि में विद्यमान थे. लेकिन 26 अगस्त को जन्माष्टमी के दिन मंगल ने मिथुन राशि में प्रवेश कर लिया. मंगल अब इस राशि में अगले साल 20 अक्टूबर तक रहेंगे. अब मंगल राहु और केतु से केन्द्र में आ गए हैं. ज्योतिषविदों की मानें तो मंगल का यह परिवर्तन लोगों की आर्थिक स्थिति और वैवाहिक जीवन पर गहरा असर डालने वाला है. यह परिवर्तन राजनैतिक बदलाव और उथल पुथल की ओर भी इशारा कर रहा है.
मंगल गोचर का राशियों पर कैसा असर?
मंगल का यह राशि परिवर्तन बहुत तेजी से प्रभाव दिखा सकता है. इससे सभी राशि के जातकों को मिले-जुले परिणाम मिलने की संभावना है. मेष, सिंह, कन्या और मकर राशि के लिए यह परिवर्तन शुभ माना जा रहा है. इनके रुके हुए काम अब तेजी से पूरे होंगे. हर कार्य में सफलता मिलेगी.
वहीं वृष, कन्या और धनु राशि वालों को अपने पारिवारिक जीवन और कारोबार पर ध्यान देने की आवश्यकता होगी. आपका दांपत्य जीवन प्रभावित हो सकता है. व्यापार में घाटा उठाना पड़ सकता है. जबकि मिथुन, तुला और कुंभ राशि के लोगों को अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा. कोई पुरानी बीमारी आपकी मुश्किल बढ़ा सकती है. रोगों पर खर्चे बढ़ सकते हैं.
शनि के स्वामित्व वाली इस राशि के जातकों को वाद-विवाद से दूर रहने की सलाह दी जाती है. मिथुन राशि वालों के साहस-पराक्रम में वृद्धि तो होगी, लेकिन अति आत्मविश्वास चोट पहुंचा सकता है.
बात करें कर्क, वृश्चिक और मीन राशि के लोगों की तो इन लोगों को भी विशेष रूप से सावधान रहना होगा. मंगल गोचर के बाद दुर्घटना, शल्य चिकित्सा और मुकदमेबाजी आदि समस्याएं आपको घेर सकती हैं. अगले एक वर्ष तक आपको बहुत संभलकर फैसले लेने होंगे. लापरवाही से किए गए कार्यों में नुकसान होने की संभावना अधिक रहेगी.
मंगल गोचर अनुकूल नहीं तो क्या करें?
मंगल का यह राशि परिवर्तन कर्क, वृश्चिक और मीन राशि के लिए ज्यादा प्रतिकूल है. जबकि वृश्चिक राशि वालों को विशेष सावधानी की आवश्यकता है. इस समय नित्य प्रातः सूर्य देव को जल अर्पित करें. सुबह और शाम एक-एक बार "संकटमोचन हनुमानाष्टक" का पाठ करें. संभव हो तो नियमित रूप से गुड़ का दान करें. लाल रंग की वस्तुओं से इस समय परहेज करें.