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Mokshada Ekadashi: कल है मोक्षदा एकादशी, ऐसे करेंगे व्रत और पूजन तो बरसेगी भगवान विष्णु की कृपा

मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी के रूप में मनाया जाता है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है और व्रत भी रखा जाता है. मोक्षदा एकादशी पर व्रत रखने से को सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसी वजह से इसे मोक्षदा एकादशी के नाम से जाना जाता है.

मोक्षदा एकादशी पर इस तरह भगवान विष्णु की पूजा करें मोक्षदा एकादशी पर इस तरह भगवान विष्णु की पूजा करें
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 02 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 9:07 AM IST

मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी के रूप में मनाया जाता है. इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है.  मोक्षदा एकादशी पर भगवान विष्णु के लिए व्रत भी रखा जाता है जिससे भक्तों को सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसी वजह से इसे मोक्षदा एकादशी के नाम से जाना जाता है.

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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मोक्षदा एकादशी के दिन कुछ खास उपाय करने से भक्तों को सुख-समृद्धि और धन-ऐश्वर्य की भी प्राप्ति होती है. इस साल मोक्षदा एकादशी तीन दिसंबर 2022 शनिवार को पड़ रही है. हालांकि कई लोगों को कन्फ्यूजन है कि ये तीन दिसंबर को मनाई जाएगी या चार दिसंबर को, इसीलिए हम आपको यहां इसकी सही डेट, पूजन का मुहुर्त और कुछ खास उपाय भी बता रहे हैं.

मोक्षदा एकादशी की सही डेट और मुहुर्त
मोक्षदा एकादशी इस साल तीन दिसंबर 2022 यानी कल मनाई जाएगी. ये शनिवार सुबह 05 बजकर 39 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन रविवार सुबह 05 बजकर 34 मिनट पर समाप्त होगी. मोक्षदा एकादशी का व्रत 03 दिसंबर को रखा जाएगा और इसका पारण 04 दिसंबर यानी रविवार को होगा. भक्त व्रत का पारण सुबह 07:05 बजे से सुबह 09:09 बजे तक कर सकते हैं.

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इस दिन गीता जयंती भी मनाई जाती है

ऐसी मान्यता है कि इस तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत में अर्जुन को कुरुक्षेत्र में गीता का ज्ञान दिया था इसलिए इस दिन पर गीता जयंती भी मनाई जाती है. इसके साथ ही इस तिथि पर रवि नामक योग बन रहा है जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है. इस योग में पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. 

मोक्षदा एकादशी की पूजा विधि
मोक्षदा एकादशी के दिन सुबह-सवेरे उठकर स्नान आदि से निवृत हो लें. इसके बाद घर के मंदिर की सफाई करें. मंदिर में भगवान विष्णु के चतुर्भुज स्वरूप की तस्वीर या मूर्ति के सामने देसी घी का दीपक और धूप जलाएं और फिर व्रत का संकल्प लें. भगवान विष्णु का पंचामृत से अभिषेक करें. उन्हें फूलों की माला पहनाएं. इसके बाद विधि-विधान से पूजा करें.

पूजा में रोली, चंदन, धूप, सिंदूर, तुलसी के पत्ते और फूलों को शामिल करें. भगवान विष्णु को मिठाई और फलों का भोग लगाएं. इसके बाद कथा सुनें. एकादशी की कथा सुनने के बाद विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना उत्तम रहेगा. इसके बाद भगवान विष्णु की आरती उतारें और भगवान विष्णु के बीज मंत्र का जाप करें. पूरे दिन फलहार व्रत रखें और रात के समय जागरण करें. अगले दिन पूजा करने के बाद व्रत का पारण करें और दान-पुण्य करें.

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भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए जरूर करें ये खास उपाय
मोक्षदा एकादशी के दिन शाम को तुलसी के पौधे के सामने घी का दीपक जरूर जलाएं. इसके साथ ही ॐ वासुदेवाय नमः मंत्र का जाप करते हुए तुलसी के पौधे के आसपास 11 परिक्रमा करें. एकादशी के दिन तुलसी के पौधे पर जल न चढ़ाएं क्योंकि इस दिन तुलसी माता निर्जला व्रत रखती हैं. मोक्षदा एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा करते समय पीले रंग के गेंदे के फूल चढ़ाएं. अगर गेंदे के फूल नहीं हों तो कोई भी पीले रंग के फूल चढ़ा सकते हैं.

भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की भी मिलेगी कृपा

पीपल के पेड़ में भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी का भी वास होता है इसलिए एकादशी के दिन पीपल के पेड़ पर जल जरूर अर्पित करें. ऐसा करने से श्री हरि जल्द प्रसन्न होते हैं. धन लाभ के लिए मोक्षदा एकादशी पर पान का एक साफ पत्ता लेकर उसमें केसर से 'श्रीं' लिखें और इस पान के पत्तों को श्रद्धा के साथ भगवान विष्णु के चरणों में चढ़ा दें. अगले दिन इसे धन वाले स्थान यानी तिजोरी में रख लें. ऐसा करने से आपको पैसों की तंगी का सामना नहीं करना पड़ेगा. इस दिन घर में तुलसी का पौधा लगाना भी शुभ माना जाता है. अगर आप अपने घर में तुलसी का पौधा लगाने की सोच रहे हैं तो मोक्षदा एकादशी इसके लिए सर्वोत्तम दिन है.

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