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Mokshada Ekadashi 2023: 22 दिसंबर यानी आज मोक्षदा एकादशी का व्रत रखा जा रहा है. हिंदू पंचांग के अनुसार, मोक्षदा एकादशी मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी को आती है. इस एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. मोक्षदा एकादशी का अर्थ है मोह का नाश करने वाली. इस दिन को मोक्ष प्राप्ति का दिन भी कहा जाता है. इसी दिन भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था. इसलिए इसे गीता जयंती भी कहते हैं. आज के दिन पूजा उपासना से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति सम्भव होती है. इस दिन दान का फल अनंत गुना मात्र में प्राप्त होता है.
मोक्षदा एकादशी पूजन विधि (Mokshada Ekadashi Pujan Vidhi)
मोक्षदा एकादशी के दिन प्रात:काल उठकर स्नान कर साफ वस्त्र पहने और व्रत का संकल्प लें. माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु और भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है. इस दिन एक चौकी पर पीला कपड़ा बिछाएं और भगवान विष्णु और कृष्ण की स्थापना करें. लाल या पीले कपड़े में लपेट कर गीता की नई प्रति भी स्थापित करें. अब फल, मिष्ठान्न और पंचामृत अर्पित करें और श्री कृष्ण के मंत्रों का जाप करें. अंत में अपनी कामनापूर्ति की प्रार्थना करें.
मोक्षदा एकादशी शुभ मुहूर्त (Mokshada Ekadashi 2023 Shubh Muhurat)
हिंदू पंचांग के अनुसार, मोक्षदा एकादशी इस बार 22 दिसंबर यानी आज मनाई जा रही है. एकादशी तिथि का प्रारंभ 22 दिसंबर यानी आज सुबह 8 बजकर 16 मिनट पर होगा और तिथि का समापन 23 दिसंबर को सुबह 7 बजकर 11 मिनट पर होगा. मोक्षदा एकादशी का पारण इस बार दोपहर 1 बजकर 22 मिनट से लेकर दोपहर 3 बजकर 26 मिनट तक होगा.
मोक्षदा एकादशी उपाय (Mokshada Ekadashi Upay)
1. मोक्षदा एकादशी के दिन अगर आप भगवान विष्णु को प्रसन्न करना चाहते हैं तो इस दिन पीली वस्तुएं जरूर दान करें. इसके अलावा अगर आप किसी ब्राह्मण को पीले रंग के वस्त्र दान करेंगे तो यह आपके लिए लाभदायक साबित होगा. इससे आपकी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी.
2. मोक्षदा एकादशी के दिन पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाएं. पीपल में भगवान विष्णु का वास माना जाता है. इससे कर्ज से मुक्ति मिलती है और आर्थिक स्थिति में सुधार होता है.
मोक्षदा एकादशी महत्व (Mokshada Ekadashi Significance)
पौराणिक ग्रंथों में मोक्षदा एकादशी को बेहद ही शुभ फलदाई माना गया है. इस दिन तुलसी की मंजरी, धूप, दीप, नैवेद्य, आदि से भगवान श्री कृष्ण का पूजन करने से और व्रत रखने से इंसान के पाप एवं महा पाप सभी नष्ट हो जाते हैं. इसके अलावा जो कोई भी इंसान इस दिन व्रत-पूजन करता है उनके पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति अवश्य होती है. यह एकादशी मुक्ति दायिनी तो है ही साथ साथ इस दिन इंसान की सभी मनोकामनाएं भी अवश्य पूरी होती हैं.