Advertisement

Nag Panchami 2022: नागपंचमी आज, बस इतनी देर ही रहेगा पूजा का मुहूर्त, जानें शुभ योग और महत्व भी

Nag Panchami 2022:  नागपंचमी के दिन महादेव संग नागों की उपासना से जीवन के सभी दोष-पापों का नाश हो जाता है. इस बार की नागपंचमी पर कई शुभ योग भी साथ लेकर आई है. नागों की पूजा करके आध्यात्मिक शक्ति, सिद्धियां और अपार धन की प्राप्ति की जा सकती है.

Nag Panchami 2022: नागपंचमी पर करीब ढाई घंटे का शुभ मुहूर्त, सुबह देर से जागे तो सोई रह जाएगी किस्मत (Photo: PTI) Nag Panchami 2022: नागपंचमी पर करीब ढाई घंटे का शुभ मुहूर्त, सुबह देर से जागे तो सोई रह जाएगी किस्मत (Photo: PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 01 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 7:06 AM IST

Nag Panchami 2022: नागपंचमी पर भगवान शिव के आभूषण यानी नागों की उपासना का विधान है. नागपंचमी के दिन महादेव संग नागों की उपासना से जीवन के सभी दोष-पापों का नाश हो जाता है. इस बार नागपंचमी अपने साथ कई शुभ योग लेकर आई है. ज्योतिषियों की मानें तो नागपंचमी के दिन नागों की पूजा करके आध्यात्मिक शक्ति, सिद्धियां और अपार धन की प्राप्ति की जा सकती है. कुंडली में अगर राहु-केतु की स्थिति ठीक न हो तो भी इस दिन विशेष पूजा से लाभ पाया जा सकता है.

Advertisement

नागपंचमी का शुभ मुहूर्त (Nag Panchami Shubh Muhurt)
नागपंचमी का त्योहार मंगलवार, 02 अगस्त यानी आज है. श्रावण मास की पंचमी तिथि 2 अगस्त को सुबह 5 बजकर 14 मिनट से लेकर 03 अगस्त को सुबह 5 बजकर 42 मिनट तक रहेगी. इस बीच नाग पंचमी की पूजा का शुभ मुहूर्त 02 अगस्त को सुबह 5 बजकर 14 मिनट से लेकर 8 बजकर 24 मिनट तक ही रहेगा. यानी नागपंचमी पर पूजा के लिए आपको सिर्फ 2 घंटे 42 मिनट का ही समय मिल पाएगा.

नाग पंचमी पर शुभ योग (Nag Panchami Shubh Yog)
इस साल नागपंचमी पर कई शुभ मुहूर्त भी बन रहे हैं. इस बार नागपंचमी चार शुभ योग में मनाई जाएगी. इस दिन संजीवनी योग, शिव योग, रवियोग और सिद्ध योग रहने वाला है. इन शुभ योगों के कारण नागपंचमी के त्योहार का महत्व और ज्यादा बढ़ गया है. इसके अलावा, नागपंचमी के दिन सावन का तीसरा मंगलवार भी रहेगा. इस दिन मंगलागौरी की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. ऐसे अबूझ मुहूर्तों में नागपंचमी पर नागों का पूजन करने से जीवन में आने वाले कष्टों से छुटकारा पाया जा सकता है.

Advertisement

हिंदू धर्म में नागों का पौराणिक महत्व (Nag Panchami Significance)
सनातन धर्म में नागों का विशेष महत्व रहा है. सृष्टि के संचालक भगवान शिव के गले में हमेशा सर्पों की माला रहती है. शेषनाग के फन पर पृथ्वी टिकी हुई है. क्षीरसागर में शेषनाग की शैय्या पर स्वयं भगवान विष्णु सोते हैं. श्रीकृष्ण के जन्म पर नाग की सहायता से ही वासुदेव ने यमुना पार की थी. समुद्र-मंथन के समय देवताओं की मदद भी वासुकी नाग ने ही की थी.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement