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Navratri 2021 Kalash Sthapana: नवरात्रि में कलश स्थापना में भूलकर भी ना करें ये गलतियां, मां दुर्गा हो जाएंगी नाराज

Navratri 2021 Kalash Sthapana Muhurat & Vidhi: नवरात्रि (Navratri 2021) के दिन मां दुर्गा की पूजा व उपासना के दिन होते हैं. नवरात्रि का पर्व और व्रत कलश स्थापना के बिना अधूरा माना जाता है. नवरात्र पर्व की प्रथम तिथि कलश स्थापना (घट या छोटा मटका) से आरंभ होता है. साथ ही नौ दिनों तक जलने वाली अखंड ज्योति भी जलाई जाती है. घट स्थापना करते समय यदि कुछ नियमों का पालन भी किया जाए तो और भी शुभ होता है. इन नियमों का पालन करने से माता अति प्रसन्न होती हैं. आइए जानते हैं शारदीय नवरात्रि के मंगल कलश स्थापना की विधि और नियम.

नवरात्रि में कलश स्थापना में बरतें सावधानी (Navratri 2021 kalash sthapana vidhi) नवरात्रि में कलश स्थापना में बरतें सावधानी (Navratri 2021 kalash sthapana vidhi)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 06 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 7:57 AM IST
  • नवरात्रि में कलश स्थापना का है विशेष महत्व
  • कलश स्थापना के लिए नियमों का पालन जरूरी
  • दिशा का भी रखना चाहिए ध्यान

Navratri 2021 Kalash Sthapana Vidhi: नवरात्रि (Navratri 2021) की नौ तिथियां मां दुर्गा की पूजा व उपासना के दिन होते हैं. हर दिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूप की पूजा की जाती है. नवरात्रि के पर्व और व्रत में कलश स्थापना का सबसे ज्यादा महत्व है. इसके बिना नवरात्रि का व्रत अधूरा माना जाता है. नवरात्र पर्व की प्रथम तिथि कलश स्थापना (घट या छोटा मटका) से ही आरंभ होती है. घट स्थापना करते समय यदि कुछ नियमों का पालन भी किया जाए तो और भी शुभ होता है. इन नियमों का पालन करने से माता अति प्रसन्न होती हैं. इस बार कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 7 अक्टूबर की सुबह 6 बजकर 17 मिनट से 7 बजकर 7 मिनट तक रहेगा. आइए जानते हैं शारदीय नवरात्रि में कलश स्थापना का महत्व, विधि और नियम.

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पौराणिक मान्यता के अनुसार, कलश के मुख में विष्णुजी का निवास, कंठ में महेश तथा मूल में ब्रह्मा स्थित हैं और कलश के मध्य में दैवीय मातृशक्तियां निवास करती हैं. इसलिए पूजन के दौरान कलश को देवी-देवता की शक्ति, तीर्थस्थान आदि का प्रतीक मानकर स्थापित किया जाता है. शास्त्रों में बिना जल के कलश को स्थापित करना अशुभ माना गया है. इसी कारण कलश में पानी, पान के पत्ते, आम के पत्ते, केसर, अक्षत, कुमकुम, सुपारी, पुष्प, सूत, नारियल, अनाज आदि रख कर पूजा की जाती है. इससे घर में ना केवल समृद्धि आती है बल्कि नकारात्मक ऊर्जा भी खत्म होती है.

नवरात्रि में कैसे करें कलश स्थापना (Kalash Sthapana Vidhi in Navratri 2021)

अगर आप घर में कलश स्थापना कर रहे हैं तो सबसे पहले कलश पर स्वास्तिक बनाएं. फिर कलश पर मौली बांधें और उसमें जल भरें. कलश में साबुत सुपारी, फूल, इत्र और पंचरत्न व सिक्का डालें. इसमें अक्षत भी डालें. कलश स्थापना हमेशा शुभ मुहूर्त में करनी चाहिए. नित्य कर्म और स्नान के बाद ध्यान करें. इसके बाद पूजन स्थल से अलग एक पाटे पर लाल व सफेद कपड़ा बिछाएं. इस पर अक्षत से अष्टदल बनाकर इस पर जल से भरा कलश स्थापित करें. इस कलश में शतावरी जड़ी, हलकुंड, कमल गट्टे व रजत का सिक्का डालें. दीप प्रज्ज्वलित कर इष्ट देव का ध्यान करें. तत्पश्चात देवी मंत्र का जाप करें. अब कलश के सामने गेहूं व जौ को मिट्टी के पात्र में रोंपें. इस ज्वारे को माताजी का स्वरूप मानकर पूजन करें.

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कलश स्थापना के नियम (Navratri 2021 Kalash Sthapana Niyam)-

1. कलश का मुंह खुला ना रखें, उसे किसी चीज से ढक देना चाहिए. अगर कलश को किसी ढक्कन से ढका है तो उसे चावलों से भर दें और उसके बीचों-बीच एक नारियल भी रखें. 

2. गलत दिशा में कलश स्थापना ना करें. ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) देवताओं की दिशा माना गया है. इसी दिशा में माता की प्रतिमा तथा घट स्थापना करना उचित रहता है.

3. माता प्रतिमा के सामने अखंड ज्योति जलाएं तो उसे आग्नेय कोण (पूर्व-दक्षिण) में रखें. पूजा करते समय मुंह पूर्व या उत्तर दिशा में रखें.

4.  पूजा स्थल के आस-पास गंदगी नहीं होनी चाहिए. घट स्थापना चंदन की लकड़ी पर करें तो शुभ होता है.

5. कई लोग नवरात्रि में ध्वजा भी बदलते हैं. ध्वजा की स्थापना घर की छत पर वायव्य कोण (उत्तर-पश्चिम) में करें.

6. पूजा स्थल के सामने थोड़ा स्थान खुला होना चाहिए, जहां बैठकर ध्यान व पाठ आदि किया जा सके.

7. घट स्थापना स्थल के आस-पास शौचालय या बाथरूम नहीं होना चाहिए. पूजा स्थल के ऊपर यदि कोई आलमारी या खांचा बना हो तो उसे साफ़-सुथरा रखें.

 

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