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Navratri 2022 Maha Ashtami: नवरात्रि में महाअष्टमी पर आज महागौरी की पूजा, जानें पूजन विधि और विशेष उपाय

Navratri 2022 Maha Ashtami: नवरात्रि में अष्टमी तिथि को माता महागौरी की उपासना की जाती है. इस दिन बहुत सारे लोग विशेष उपवास भी रखते हैं. इसके अलावा, इस दिन कन्या पूजन का भी विधान है. नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर उपासना से मनचाहे विवाह का वरदान मिलता है.

नवरात्रि के आठवें दिन आज ऐसे करें मां महागौरी की पूजा नवरात्रि के आठवें दिन आज ऐसे करें मां महागौरी की पूजा
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 03 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 7:10 AM IST

Navratri 2022 Maha Ashtami: नवरात्रि में अष्टमी तिथि और नवमी तिथि सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण मानी जाती हैं. अष्टमी तिथि को माता महागौरी की उपासना की जाती है. इस दिन बहुत सारे लोग विशेष उपवास भी रखते हैं. इसके अलावा, इस दिन कन्या पूजन का भी विधान है. नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर उपासना से मनचाहे विवाह का वरदान मिलता है. इस साल शारदीय नवरात्रि का आठवां दिन 03 अक्टूबर को पड़ रहा है. आइए जानते हैं कि इस दिन मां महागौरी की उपासना कैसे करें.

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मां महागौरी की पूजन विधि (Maha ashtami pujan vidhi)
नवरात्रि के आठवें दिन स्नानादि के बाद महागौरी की पूजा करें. इनकी पूजा पीले वस्त्र धारण करके करनी चाहिए. मां के समक्ष दीपक जलाएं और उनका ध्यान करें. पूजा में देवी को श्वेत या पीले फूल अर्पित करें. इसके बाद इनके चमत्कारी मंत्रों का जाप करें. अगर पूजा मध्य रात्रि मैं की जाय तो इसके परिणाम ज्यादा शुभ होंगे.

कन्या पूजन की परंपरा (Kanya Pujan significance)
नवरात्रि केवल व्रत और उपवास का पर्व नहीं है. यह नारी शक्ति के और कन्याओं के सम्मान का भी पर्व है. इसलिए नवरात्रि में कुंवारी कन्याओं को पूजने और भोजन कराने की परंपरा भी है. नवरात्रि में अष्टमी और नवमी तिथि को विशेष रूप से कन्या पूजन किया जाता है. इसमें 2 वर्ष से लेकर 11 वर्ष तक की कन्या की पूजा का विधान किया है. अलग-अलग उम्र की कन्या देवी के अलग-अलग रूप को बताती है.

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महागौरी की पूजा से शीघ्र विवाह का वरदान (Maha ashtami upay)
यह प्रयोग अष्टमी तिथि की रात्रि को करें. पीले वस्त्र धारण करके माता महागौरी की पूजा करें. उन्हें सफेद फूल, सफेद मिठाई और एक चांदी का सिक्का अर्पित करें. इसके बाद माता महागौरी के विशेष मंत्र का तीन या ग्यारह माला जप करें. मंत्र होगा- "हे गौरीशंकर अर्धांगी, यथा त्वां शंकर प्रिया। तथा माम कुरु कल्याणी , कान्तकांता सुदुर्लभाम।।'' मंत्र जाप के बाद शीघ्र विवाह की प्रार्थना करें. चांदी के सिक्के को पीले कपड़े में बांधकर अपने पास रख लें.

 

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