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Pitru Paksha 2023: पितृ पक्ष होने जा रहे हैं शुरू, कैलेंडर में मार्क कर लें श्राद्ध की ये खास तिथियां

Pitru Paksha 2023 date & shradha tithiyan: पितरों का श्राद्ध और तर्पण करके लोग पूर्वजों से खुशियों का आशीर्वाद पाते हैं और पितृ गण भी पितृ पक्ष में अपने लोगों पर कृपा बरसाते हैं. इस माह पितृ पक्ष 29 सितंबर से शुरू होंगे और 14 अक्टूबर को इनका समापन होगा. आइए जानते हैं कि इस पितृ पक्ष में श्राद्ध की सही तिथियां और तर्पण विधि.

पितृ पक्ष 2023 पितृ पक्ष 2023
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 22 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 2:46 PM IST

Pitru Paksha 2023 kab hai: इस साल पितृ पक्ष की शुरुआत 29 सितंबर, शुक्रवार से होने जा रही है और इसका समापन 14 अक्टूबर, शनिवार को सर्व पितृ अमावस्या के दिन होगा. पितृ पक्ष की 15 दिन की अवधि में पूर्वजों का निमित्त पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध कर्म किया जाता है. पितृ पक्ष के दौरान पितरों की पूजा करने से जीवन में आने वाली बाधाएं परेशानियां दूर होती हैं और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. 

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पितृ पक्ष में अगर कोई जानवर या पक्षी आपके घर आए, तो उसे भोजन जरूर कराना चाहिए. मान्‍यता है कि पूर्वज इन रूप में आपसे मिलने आते हैं. पितृ पक्ष में पत्तल पर भोजन करें और ब्राह्राणों को भी पत्तल में भोजन कराएं, तो यह फलदायी होता है.

पितृ पक्ष 2023 तिथि (Pitry Paksha 2023 Tithiyan) 

प्रतिपदा तिथि प्रारंभ- सितंबर 29, 2023 को दोपहर 03 बजकर 26 मिनट से 
प्रतिपदा तिथि समाप्त- सितंबर 30, 2023 को दोपहर 12 बजकर 21 मिनट तक 

पितृ पक्ष के अनुष्ठानों का समय 

कुतुप मुहूर्त- 29 सितंबर को दोपहर 11:47 बजे से 12:35 बजे तक, अवधि- 48 मिनट्स 
रौहिण मुहूर्त- 29 सितंबर को दोपहर 12:45 बजे से 01:23 बजे तक, अवधि - 48 मिनट्स 
अपराह्न काल - 29 सितंबर को दोपहर 01:23 बजे से 03:46 बजे तक, अवधि - 02 घंटे 23 मिनट्स

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पितृ पक्ष में श्राद्ध की तिथियां (Pitra Paksha tithi)

29 सितंबर 2023, शुक्रवार पूर्णिमा श्राद्ध
30 सितंबर 2023, शनिवार द्वितीया श्राद्ध 
01 अक्टूबर 2023, रविवार तृतीया श्राद्ध 
02 अक्टूबर 2023, सोमवार: चतुर्थी श्राद्ध 
03 अक्टूबर 2023, मंगलवार पंचमी श्राद्ध
04 अक्टूबर 2023, बुधवार षष्ठी श्राद्ध 
5 अक्टूबर 2023, गुरुवार सप्तमी श्राद्ध 
6 अक्टूबर 2023, शुक्रवार अष्टमी श्राद्ध
7 अक्टूबर 2023, शनिवार नवमी श्राद्ध
8 अक्टूबर 2023, रविवार दशमी श्राद्ध
9 अक्टूबर 2023, सोमवार एकादशी श्राद्ध 
10 अक्टूबर 2023, मंगलवार मघा श्राद्ध 
11 अक्टूबर 2023, बुधवार द्वादश श्राद्ध
12 अक्टूबर 2023, गुरुवार त्रयोदशी श्राद्ध 
13 अक्टूबर 2023, शुक्रवार चतुर्दशी श्राद्ध 
14 अक्टूबर 2023, शनिवार सर्व पितृ अमावस्या

पितृ पक्ष में भूलकर न करें ये 5 गलतियां (Pitru Paksha Mistakes)

1. सात्विक भोजन

पितृ पक्ष के दिन सात्विक आहार का ही सेवन करना चाहिए. इस दिन प्याज, लहसून, मांस और मदिरा खाने से परहेज करना चाहिए. साथ ही इस दिन घर में भी मांसाहारी भोजन नहीं बनाना चाहिए. क्योंकि इस दिन पितरों के नाम का श्राद्ध और तर्पण किया जाता है. 

2. बाल और नाखून न कटवाएं

पितृपक्ष के दौरान श्राद्धकर्म करने वाले व्यक्ति को पूरे 15 दिनों तक बाल और नाखून कटवाने से परहेज करना चाहिए. हालांकि इस दौरान अगर पूर्वजों की श्राद्ध की तिथि पड़ती है तो पिंडदान करने वाला बाल और नाखून कटवा सकता है.

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3. पशु पक्षियों को न करें परेशान

पितृ पक्ष के दौरान पूर्वज पक्षी के रूप में धरती पर पधारते हैं. ऐसे में उन्हें किसी भी प्रकार से सताना नहीं चाहिए, क्योंकि मान्यता है कि ऐसा करने से पूर्वज नाराज हो जाते हैं. ऐसे में पितृ पक्ष के दौरान  पशु-पक्षियों की सेवा करनी चाहिए.

4. न करें मांगलिक कार्य

पितृपक्ष में किसी भी तरह का मांगलिक कार्य नहीं करनी चाहिए. शादी, मुंडन, सगाई और गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्य पितृ पक्ष में निषेध माने गए हैं. दरअसल पितृपक्ष के दौरान शोकाकुल का माहौल होता है, इसलिए इन दिनों कोई भी शुभ कार्य करना अशुभ माना जाता है.

5. नई चीजों की न करें खरीदारी

पितृ पक्ष के दौरान किसी भी नए वस्त्र या किसी नई चीज की खरीदारी करना निषेध माना जाता है. बल्कि इस दिन वस्त्रों का दान करना चाहिए. 

पितृ पक्ष तर्पण विधि (Pitru paksha 2023 Tarpan vidhi) 

सबसे पहले साफ जल, बैठने का आसन, थाली, कच्चा दूध, गुलाब के फूल, फूल की माला, कुशा, सुपारी, जौ, काले तिल, जनेऊ आदि अपने पास रखें. आचमन के बाद हाथ धोकर अपने ऊपर जल छिड़के, फिर गायत्री मंत्र से शिखा बांधकर तिलक लगा लें. फिर थाली में जल, कच्चा दूध, गुलाब की पंखुड़ी डाले, फिर हाथ में चावल लेकर देवताओें को याद करें. ध्यान रहें कि तर्पण विधि के लिए पूर्व की तरफ मुख करके ही बैठना है. कुशा को पूर्व की ओर रखें. फिर श्राद्ध के दौरान अनामिका उंगली में कुशा घास से बनी अंगूठी धारण करें. फिर सीधे हाथ से तर्पण दें.

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पितरों को अग्नि में गाय का दूध, दही, घी या खीर अर्पित करें. ब्राह्मण भोजन निकलने से पहले गाय, कुत्ते, कौवे के लिए खाना निकाल लें. दक्षिण की तरफ मुख करके और कुश, तिल और जल लेकर पितृतीर्थ से संकल्प करें और एक या फिर तीन ब्राह्मण को भोजन कराएं. तर्पण करने के बाद ही ब्राह्मण को भोजन ग्रहण कराएं और भोजन के बाद दक्षिणा और अन्य सामान दान करें और ब्राह्मण का आशीर्वाद प्राप्त करें.

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