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अचानक प्लान बना, सुबह की फ्लाइट पकड़ी और अमेरिका से महाकुंभ आ पहुंचे युवा, बोले- अनुभूति को शब्दों में बयां करना मुश्किल

Prayagraj Mahakumbh 2025: विदेश में रहने वाले अमित लाल ने बताया कि जब वे गंगा में स्नान करने पहुंचे, तो एक अलग ही अनुभूति हुई. उन्होंने अब अपने सभी दोस्तों को महाकुंभ में आने के लिए आमंत्रित किया है.

शिकागो से महाकुंभ में आए अमित लाल. (नीली जैकेट) शिकागो से महाकुंभ में आए अमित लाल. (नीली जैकेट)
समर्थ श्रीवास्तव
  • प्रयागराज,
  • 16 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 6:47 PM IST

संगम नगरी प्रयागराज में लगे महाकुंभ में दुनियाभर से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. इनमें से एक हैं अमित लाल, जो पिछले 17 सालों से शिकागो (अमेरिका) में रह रहे हैं. अमित ने महाकुंभ में आने का निर्णय एक दिन पहले ही किया और आ पहुंचे उत्तर प्रदेश के प्रयागराज.

अमित लाल ने कहा, "मैं 17 सालों से शिकागो में नौकरी कर रहा हूं, लेकिन महाकुंभ में मुझे जो आध्यात्मिक शांति मिल रही है, वह कभी नहीं मिली. शब्दों में बयां करना मुश्किल है, लेकिन मेरे रौंगटे खड़े हो रहे हैं."

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विदेश में रहने वाले अमित लाल ने बताया, ''जब मां गंगा के जल में स्नान करने पहुंचा, तो वह एक अलग ही अनुभूति हुई. मैं अपने सभी विदेशी दोस्तों को महाकुंभ में आने के लिए आमंत्रित करता हूं. वे हिंदू संस्कृति को देखने के लिए जरूर आएं. यह एक जीवनशैली है, जहां कई समुदाय बिना किसी भेदभाव के एक साथ आते हैं." 

इस महाकुंभ में देश-विदेश में स्थापित एंकर, मॉडल और इंजीनियर जैसे पेशेवर अब भारतीय परंपराओं और अध्यात्म से गहराई से जुड़ रहे हैं.

महाकुंभ के दौरान कई प्रेरक कहानियां सामने आई हैं. इनमें से एक कहानी हरियाणा के अभय सिंह की भी है, जिन्हें ‘इंजीनियर बाबा’ के नाम से जाना जाता है. वह IIT बंबई में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के छात्र रह चुके हैं. उन्होंने वैज्ञानिक ज्ञान को आध्यात्मिक ज्ञान के साथ मिश्रित करने के अपने अनूठे दृष्टिकोण से महाकुम्भ में श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया.

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उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, “विज्ञान केवल भौतिक जगत को समझाने का माध्यम है, लेकिन इसका गहन अध्ययन हमें अध्यात्म की ओर ले जाता है. जो व्यक्ति जीवन को पूर्ण रूप से समझ लेता है, वह अंततः आध्यात्म की गोद में चला जाता है.”

मध्य प्रदेश के भोपाल की रहने वाली और फिलहाल उत्तराखंड निवासी हर्षा रिछारिया नामक युवती ने ग्लैमर की दुनिया छोड़कर आध्यात्म को अपनाया. बयान में कहा गया है कि उन्हें स्वामी कैलाशानंद गिरि ने आध्यात्म ने दीक्षा दी थी. बयान में कहा गया कि हर्षा देश और विदेश में ग्लैमर जगत का हिस्सा रही हैं.

हर्षा ने कहा, “पेशेवर जीवन में दिखावे और आडंबर से भरी जिंदगी ने मुझे उबा दिया. मैंने महसूस किया कि वास्तविक सुख और शांति केवल सनातन धर्म की शरण में ही है. स्वामी कैलाशानंद गिरि से दीक्षा लेने के बाद मैंने जीवन का नया अर्थ समझा है.”

इसमें कहा गया है कि ‘इंजीनियर बाबा’ जैसे लोग और ग्लैमर की दुनिया से आई युवती हर्षा का सनातन धर्म के प्रति झुकाव इस बात का प्रमाण है कि आधुनिक जीवन शैली से ऊबकर लोग शांति और स्थायित्व की तलाश में भारतीय परंपराओं की ओर रुख कर रहे हैं.

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बयान के मुताबिक, महाकुंभ के इस आयोजन ने न केवल सनातन धर्म की महानता को प्रदर्शित किया, बल्कि पेशेवर और युवाओं के जीवन में आध्यात्मिकता की आवश्यकता को भी उजागर किया. यह आयोजन आधुनिक और पारंपरिक मूल्यों के संगम का प्रतीक बनता जा रहा है.

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