
Rahu For Kumbh Rashi 2023: राहु हमेशा वक्री चाल में रहता है और लगभग हर डेढ़ साल में अपनी राशि बदलता है. साल 2023 में राहु 30 अक्टूबर 2023 तक राशिचक्र की सबसे पहली और सबसे उग्र राशि मेष में मौजूद रहेगा. इसके बाद 30 अक्टूबर 2023 को राहु अपनी वक्री अवस्था में मीन राशि में प्रवेश कर जाएगा. राहु की ये स्थिति कुंभ राशि के जातकों के लिए बहुत विशेष मानी जा रही है. आइए ज्योतिषविद प्रतीक भट्ट से जानते हैं कि साल 2023 में राहु कुंभ राशि के जातकों पर कैसा प्रभाव डालने वाला है.
राहु 30 अक्टूबर तक कुंभ राशि के तीसरे भाव में गोचर करेगा. 22 अप्रैल से तीसरे भाव में देव गुरु बृहस्पति भी वहां राहु के साथ गुरु चांडाल योग बनाएंगे. तीसरा भाव पराक्रम का माना जाता है. इस स्थान का संबंध भाई-बहन के साथ रिश्तों, छोटी मोटी यात्राओं और दिल से जुड़ी बीमारियों से होता है. इन तीनों ही मामलों में आपको थोड़ा सतर्क रहने की सलाह दी जाती है.
धन की स्थिति- रुपये-पैसे की स्थिति सामान्य नजर आ रही है. न तो ज्यादा नुकसान होगा और न ही ज्यादा लाभ मिलेगा. निवेश बाजार में पैसा बहुत सोच समझकर लगाने की सलाह दी जाती है. कर्ज के लेन देन से दूर रहें. रुपये-पैसे का हिसाब-किताब बनाकर चलें. रुपयों की ठगी होने की संभावना अधिक दिखाई दे रही है. यात्राओं में नुकसान हो सकता है. सामान चोरी होने की संभानाएं बढ़ेंगी. दान-धर्म के कार्यों में सक्रिय रहने से लाभ होगा.
करियर और व्यवसाय- राहु की स्थिति करियर और व्यवसाय के लिहाज से कुंभ राशि के जातकों के लिए बहुत शुभ रहने वाली है. पराक्रम, पद और प्रतिष्ठा बढ़ सकती है. पावरफुल पोजिशन में आने की संभावना बन रही है. नौकरी से संबंधित यात्राएं होंगी, लेकिन थोड़ा संभलकर रहना होगा. सेना, पुलिस या मार्केटिंग फील्ड में कार्यरत लोगों को ज्यादा लाभ मिलेगा.
रिश्तों पर असर- साल 2023 में राहु कुंभ राशि वालों के संबंधों को प्रभावित करेगा. भाई बहनों से आपके रिश्ते खराब हो सकते हैं. पैतृक संपत्ति की वजह से घर में झगड़े बढ़ सकते हैं. पड़ोसियों के साथ भी आपकी अनबन हो सकती है. माता-पिता के साथ भी रिश्तों में खटास आ सकती है. हालांकि दांपत्य जीवन में मुधरता आएगी. सिंगल जातक शादी के बंधन में बंध सकते हैं. विवाह में आ रही बाधाएं दूर होंगी. प्रेम-प्रसंग के मामले बनते दिख रहे हैं. साल की दूसरी छमाही में लव मैरिज के योग बनेंगे.
सेहत का हाल- सेहत के मामले में आपको थोड़ा सावधान रहने की सलाह दी जाती है. रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्याएं उभर सकती हैं. पैरों में चोट और दिल से जुड़ी बीमारियों का जोखिम बढ़ सकता है. अपने खान-पान को बेहतर बनाए रखें और नियमित रूप से व्यायाम करें.