
Sakat Chauth Chand Timing 2024: आज संकष्टी चतुर्थी है. माघ कृष्ण चतुर्थी को आने वाली संकष्ठी चतुर्थी को तिल चतुर्थी या माघी चतुर्थी भी कहा जाता है. इस दिन भगवान गणेश और चंद्रमा की उपासना की जाती है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन गणपति की उपासना करने से जीवन के संकट टल जाते हैं. संतान प्राप्ति के लिए ये दिन उत्तम माना जाता है. इस दिन गणपति के आशीर्वाद से संतान से जुड़ीं तमाम समस्याएं भी दूर होती हैं. सकट चौथ पर माताएं अपनी संतान को कष्टों से बचाने और उनकी उन्नति के लिए सूर्योदय से चंद्रोदय तक निर्जला व्रत रखती हैं.
यही कारण है कि सकट चौथ व्रत में चंद्रमा की पूजा को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. रात के समय चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही महिलाएं अपना व्रत खोलती हैं. आइए आपको सकट चौथ पर गणेश व चंद्र पूजन की विधि और चंद्रोदय का समय बताते हैं.
आपके शहर में कितने बजे निकलेगा चंद्रमा? (Sakath Chauth ka Chand kitne baje niklega)
सिटी चांद निकलने का समय
दिल्ली रात 09.10
गाजियाबाद रात 09.09
जयपुर रात 09.17
आगरा रात 09.07
लखनऊ रात 08.56
भोपाल रात 09.12
रांची रात 08.39
पटना रात 08.39
वाराणसी रात 08.48
नागपुर रात 09.06
मुंबई रात 09.32
बेंगलुरू रात 09.15
चंडीगढ़ रात 09.11
सकट चौथ की पूजन विधि (Sakath chauth pujan vidhi)
सकट चौथ पर स्नानादि के बाद गणेश जी की पूजा-आराधना करें. भगवान गणेश के मंत्रों का उच्चारण करें. पूरा दिन बिना पानी व खाने के उपवास रखें. शाम को चंद्रोदय के बाद पूजा आरंभ करें. शाम की पूजा के लिए गणेश जी की मिट्टी की मूर्ति बनाएं. गणेश जी के बगल दुर्गा जी की भी फोटो रखें. इस दिन दुर्गा जी की पूजा बहुत जरूरी मानी जाती है. धूप, दीप, अगरबत्ती, पुष्पों से गणेश पूजन करें. प्रसाद में केला, नारियल रखें. गणेश जी के प्रिय मोदक बनाकर रखें. इस दिन गुड़ और तिल के मोदक बनाए जाते हैं. इसके बाद गणेश जी कथा सुनें, फिर आरती करके, प्रार्थना करें.
चंद्रमा को अर्घ्य देने की विधि
सकट चौथ पर रात को चंद्रोदय के बाद एक के लोटे में जल लें. उसमें गाय का कच्चा दूध, अक्षत और सफेद पुष्ट डालें. उसके बाद चंद्र देव का स्मरण करके उनको अर्घ्य दें. चंद्रमा से अपने संकटों को दूर करने और संतान के सुखी जीवन की कामना करें. ध्यान रहे कि चंद्रमा को अर्घ्य देते समय जल के छींटें पैरों पर न पड़ें. अर्घ्य देने के बाद अपना व्रत खोलें.