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Saphala Ekadashi 2021: साल की पहली एकादशी, व्रत से पहले जान लें इसके 5 खास नियम

(2021 Saphala Ekadashi date and time: When is Saphala Ekadashi 2021) यह पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि है, जिसे सफला एकादशी भी कहा जाता है. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, इस दिन व्रत रखने और पूरे विधि-विधान से श्री हरि की पूजा करने से मनचाहे फल की प्राप्ति होती है.

Saphala Ekadashi 2021: साल की पहली एकादशी, व्रत से पहले जान लें इसके 5 खास नियम Saphala Ekadashi 2021: साल की पहली एकादशी, व्रत से पहले जान लें इसके 5 खास नियम
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 08 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 7:04 PM IST
  • यह पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि है
  • एकादशी 5 बातें ध्यान रखना बहुत जरूरी है

(Saphala Ekadashi 2021) हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का खास महत्व होता है. साल 2021 की पहली एकदशी यानी सफला एकादशी शनिवार, 9 जनवरी को पड़ रही है. यह पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि है, जिसे सफला एकादशी भी कहा जाता है. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, इस दिन व्रत रखने और पूरे विधि-विधान से श्री हरि की पूजा करने से मनचाहे फल की प्राप्ति होती है.

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इस दिन कैसे करें श्री हरि की उपासना? (Saphala Ekadashi 2021 date and puja vidhi)
सुबह या सायं काल श्री हरि का पूजन करें. मस्तक पर सफेद चन्दन या गोपी चन्दन लगाकर श्री हरि का पूजन करें. श्री हरि को पंचामृत, पुष्प और ऋतु फल अर्पित करें. चाहें तो एक वेला उपवास रखकर एक वेला पूर्ण सात्विक आहार ग्रहण करें. शाम को आहार ग्रहण करने के पहले जल में दीपदान करें. आज के दिन गर्म वस्त्र और अन्न का दान करना भी विशेष शुभ होता है.

उत्तम स्वास्थ्य के लिए श्री हरि को मौसम के फल (ऋतु फल) अर्पित करें. इसके बाद 108 बार "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" का जाप करें. फल को प्रसाद के रूप में ग्रहण करें.

इस एकादशी पर कुछ बातों का विशेष ध्यान रखने की भी आवश्यकता होती है. (How to observe Saphala Ekadashi 2021?)

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  • चावल खावने से बचें- शास्त्रों के मुताबिक, एकादशी के दिन चावल खाने से परहेज करना चाहिए. इस दिन चावल का सेवन करने वाला व्यक्ति पाप का भागीदार माना जाता है और उसे अगले जन्म में इसके दुख भोगने पड़ सकते हैं

 

  • तामसिक भोजन से परहेज- एकादशी के शुभ अवसर पर श्री हरि यानी भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए. साथ ही सात्विकता का भी सख्ती से पालन करना चाहिए.

 

  • ब्रह्नाचार्य का पालन- एकादशी का व्रत रखने वाले व्यक्ति को इस दिन ब्रह्नाचार्य का पालन करना चाहिए. मांस या मदिरा-पान का ख्याल तक अपने जेहन में नहीं लाना चाहिए. मन को शुद्ध रखने का प्रयास करना चाहिए.

 

  • अपशब्द कहने से बचें- इस दिन किसी भी व्यक्ति का अपमान न करें. अपशब्द या कठोर शब्दों का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए. लड़ाई-झड़गे या किसी तरह के वाद-विवाद से खुद को दूर रखें.

 

  • कैसी हो दिनचर्या- एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठना चाहिए. साथ ही दोपहर या शाम के समय भी नहीं सोना चाहिए. इस दिन किसी को दान किया जाना बेहद उत्तम माना जाता है. 

 

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