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Sawan 2022 Date: इस शुभ संयोग में शुरू होगा सावन का महीना, जानें कितने होंगे सोमवार व्रत

Sawan 2022 Kab Se Shuru Hain: ऐसी मान्यताएं हैं कि श्रावण मास में भगवान शिव की आराधना करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. इस साल श्रावण मास जुलाई से 12 अगस्त तक रहने वाला है. आइए जानते हैं कि सावन का महीना इस बार क्यों खास रहने वाला है और इस माह भगवान शिव की उपासना कैसे करें.

Sawan 2022 Date: इस शुभ संयोग में शुरू होगा सावन का महीना, जानें मुहूर्त और पूजन विधि Sawan 2022 Date: इस शुभ संयोग में शुरू होगा सावन का महीना, जानें मुहूर्त और पूजन विधि
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 23 जून 2022,
  • अपडेटेड 10:04 AM IST
  • इस शुभ योग में शुरू होगा सावन का महीना
  • जानें मुहूर्त और पूजन विधि

Sawan 2022 Date: भगवान शिव का प्रिय सावन का महीना 14 जुलाई से शुरू होने वाला है. हिंदू कैलेंडर का यह पांचवां महीना होता है. ऐसी मान्यताएं हैं कि श्रावण मास में भगवान शिव की आराधना करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. इस साल श्रावण मास जुलाई से 12 अगस्त तक रहने वाला है. आइए जानते हैं कि सावन का महीना इस बार क्यों खास रहने वाला है और इस माह भगवान शिव की उपासना कैसे करें.

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हिंदू धर्म में सावन के महीने का विशेष महत्व बताया गया है. सावन में प्रत्येक सोमवार भगवान शिव की पूजा करने से आपकी हर मनोकामना पूरी हो सकती है. इस साल श्रावण मास विष्कुंभ और प्रीति योग में शुरू हो रहा है, इसलिए ये और भी ज्यादा खास होने वाला है. ऐसी मान्यताएं हैं कि इन संयोग में पैदा हुए लोग बेहद भाग्यशाली और उत्तम गुणों वाले होते हैं. ऐसे लोग सासांरिक सुख और आर्थिक संपन्नता का लाभ उठाते हैं.

सावन में कुल कितने सोमवार? (Sawan 2022 Somvar Vrat)
सावन का महीना गुरुवार, 14 जुलाई से शुरू होगा और शुक्रवार, 12 अगस्त को सावन माह का समापन होगा. इस बीच कुल चार सोमवार व्रत पड़ेंगे. सावन का पहला सोमवार 18 जुलाई को होगा. इसके बाद 25 जुलाई को दूसरा सोमवार, 01 अगस्त को तीसरा सोमवार और 08 अगस्त को चौथा सोमवार पड़ेगा.

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सावन माह की पूजन विधि
सावन के महीने में प्रत्येक दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे कपड़े पहनें. इसके बाद मंदिर में भगवान शिव के सामने घी का दीपक जलाएं. सभी देवी-देवताओं का जलाभिषेक करें. दूध और गंगाजल से शिवलिंग को स्नान कराएं. भगवान शिव को फल और फूल अर्पित करें. भगवान शिव को बेल पत्र अर्पित करें और उनकी आरती उतारें.

 

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