
भगवान शंकर की पूजा के लिए पुराणों में सोमवार का दिन निर्धारित किया गया है. पौराणिक मान्यताओं में भगवान शंकर की पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ दिन महाशिवरात्रि और उसके बाद सावन का सोमवार माना गया है. हालांकि, महादेव की उपासना के लिए ना केवल सावन का सोमवार, बल्कि हर दिन अपने आप में महत्वपूर्ण है. मन में भोले की भक्ति और जुबां पर हर-हर महादेव का जयकारा हो तो सावन में किसी भी दिन डमरू वाले की कृपा हो सकती है.
इस साल सावन का महीना 29 दिन का रहेगा, जिसमें चार सोमवार पड़ेंगे. चूंकि इस महीने सृष्टि का संचालन स्वयं भगवान शिव के हाथों में होता है, इसलिए आप किसी भी दिन इनकी आराधना कर सकते हैं.
सावन का महीना जल तत्व का महीना है. इस महीने में शुक्र और चन्द्र दोनों ही मजबूत होते हैं. ये दोनों ही ग्रह सरलता से सुख-समृद्धि प्रदान करते हैं. धन और ऐश्वर्य के लिए शुक्र और चन्द्र के साथ शिवजी की उपासना बहुत उत्तम होती है, इसलिए सावन के हर एक दिन इनकी विशेष कृपा बनी रहती है.
ज्योतिषियों का कहना है कि सावन के मंगलवार का महत्व सोमवार से कुछ कम नहीं है. सावन के मंगलवार को मां पार्वती मांगला गौरी बनकर अपने भक्तों पर कृपा बरसाती हैं. इसलिए सावन के सोमवार को भगवान शंकर तो मंगलवार को मंगला गौरी व्रत करने का विधान बताया गया है.
इसी प्रकार सावन के शनिवार का भी विशेष महत्व बताया गया है. अगर कुंडली में शनि दोष हो तो सावन का प्रत्येक शनिवार बहुत खास हो सकता है. शनि की साढ़ेसाती हो या ढैय्या, सावन के शनिवार विशेष उपाय कर आप इससे मुक्ति पा सकते हैं. इसके अलावा, श्रावण मास में आने वाले महापर्व और शुभ संयोग में भी भोलेनाथ की पूजा बहुत फलदायी होती है. सावन कामिका एकादशी, हरियाली अमावस्या, हरियाली तीज, नागपंचमी, पुत्रदा एकादशी, भौम प्रदोष व्रत और रक्षा बंधन जैसे बड़े त्योहार आएंगे. ऐसे शुभ अवसरों पर भी भगवान शिव की पूजा बहुत उत्तम मानी जाती है.
सावन में रोज कैसे करें शिवजी की पूजा?
रोज प्रातःकाल भगवान शिव के मंदिर जाएं. पहले शिवलिंग पर शहद अर्पित करें. जल की धारा अर्पित करें. फिर दूध से अभिषेक करें. इसके बाद एक विशेष मंत्र का जाप करें- "ॐ ऋणमुक्तेश्वराय नमः शिवाय". इसके बाद जलपान या फलाहार करें. सावन में आप इस विधि से किसी भी दिन भोलेनाथ की पूजा कर सकते हैं.