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Shani Kumbh Rashi Gochar 2023: कुंभ राशि की मुश्किल बढ़ाएगा शनि गोचर, आज से शुरू साढ़ेसाती का दूसरा चरण

वैदिक ज्योतिष में शनि को न्याय के देवता कहा जाता है. शनिदेव व्यक्ति को उनके कर्मों के आधार पर शुभ-अशुभ परिणाम देते हैं. 17 जनवरी को जब शनि कुंभ राशि में गोचर करेंगे तो कुछ राशियों को साढ़ेसाती और ढैय्या से राहत मिलेगी तो कुछ राशियों पर इनकी शुरुआत होगी.

17 जनवरी को शनि के कुंभ राशि में गोचर से बदलेगा ढैय्या और साढ़ेसाती का गणित (Photo: Getty Images) 17 जनवरी को शनि के कुंभ राशि में गोचर से बदलेगा ढैय्या और साढ़ेसाती का गणित (Photo: Getty Images)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 16 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 11:59 PM IST

Shani Kumbh Rashi Gochar 2023: शनि ग्रह का 17 जनवरी 2023 को राशि परिवर्तन होने जा रहा है. इस दिन शनि रात 08 बजकर 02 मिनट पर मकर से कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे. ज्योतिष शास्त्र में शनि को क्रूर ग्रह कहा जाता है. इस ग्रह की चाल सबसे धीमी होती है, इसलिए यह ढाई वर्ष में एक बार राशि परिवर्तन करता है. इस गणना से देखें तो शनि करीब 30 वर्ष बाद कुंभ राशि में गोचर करने वाला है. आइए आपको शनि के इस गोचर से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें बताते हैं.

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वैदिक ज्योतिष में शनि को न्याय का देवता कहा जाता है. शनिदेव व्यक्ति को उनके कर्मों के आधार पर शुभ-अशुभ परिणाम देते हैं. 
ज्योतिषविदों की मानें तो जब भी शनि का राशि परिवर्तन होता है तो शनि की ढैय्या और शनि की साढ़े साती दोनों में बदलाव आता है. 17 जनवरी को जब शनि कुंभ राशि में गोचर करेंगे तो कुछ राशियों को साढ़ेसाती और ढैय्या से राहत मिलेगी तो कुछ राशियों पर इनकी शुरुआत होगी.

शनि की साढ़ेसाती (Shani Ki Sadhe Sati)

साढ़े साती से मुक्त होगी ये राशि
17 जनवरी को जब शनि देव कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे तो धनु राशि वालों को बहुत लाभ होगा. इस राशि के जातकों पर साढ़ेसाती का प्रभाव खत्म होगा. नतीजन धनु राशि वालों के कार्यों में सफलता, धन लाभ और पारिवारिक जीवन में खुशहाली के योग बनेंगे.

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मीन राशि पर साढ़ेसाती का पहला चरण
शनि के कुंभ राशि में आते ही जहां धनु राशि वालों को साढ़ेसाती से राहत मिलेगी, वहीं मीन राशि पर साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी. मीन राशि के जातकों पर शनि की साढ़े साती का पहला चरण शुरू होगा. इसमें जातक को मानसिक तनाव ज्यादा रहता है.

कुंभ राशि पर साढ़ेसाती का दूसरा चरण
शनि 30 साल बाद कुंभ राशि में लौट रहे हैं, इसलिए इसे शनि की घर वापसी कहा जा रहा है. शनि के इस गोचर के बाद कुंभ राशि पर शनि की साढ़े साती का दूसरा चरण शुरू हो जाएगा. वैदिक ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, साढ़ेसाती का दूसरा चरण अत्यंत कष्टकारी होता है. इसमें नौकरी, धन, कारोबार से जुड़ी समस्या ज्यादा परेशान करती हैं.

मकर राशि पर साढ़ेसाती का तीसरा चरण
शनि के कुंभ राशि में गोचर करते ही मकर राशि पर शनि की साढ़ेसाती का तीसरा और अंतिम चरण शुरू हो जाएगा. शनि की साढ़ेसाती का तीसरा चरण जातक को बहुत ज्यादा परेशान नहीं करता है. हालांकि फिर भी इन्हें थोड़ा संभलकर रहने की सलाह दी जाती है.

शनि की ढैय्या (Shani Ki Dhaiyya)

शनि की ढैय्या 2 राशियों से खत्म
शनि के कुंभ राशि में प्रवेश करने के साथ ही मिथुन और तुला राशि पर चल रही शनि की ढैय्या समाप्त हो जाएगी. इसके बाद इन राशि वालों की कई मुश्किलें दूर होंगी. आपके जिन कार्यों में रुकावटें आ रही थीं, वो धीरे-धीरे दूर होने लगेंगी.

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इन 2 राशियों पर ढैय्या शुरू
शनि के कुंभ राशि में प्रवेश करते ही कर्क और वृश्चिक राशि वालों पर शनि की ढैय्या शुरू हो जाएगी. ढैय्या से प्रभावित इन राशियों को धन, सेहत और करियर के मोर्चे पर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.

कुंभ राशि में कब तक रहेंगे शनि?
नवग्रहों में शनि की चाल सबसे धीमी होती है. इसलिए शनि को राशि बदलने में पूरे ढाई साल लग जाते हैं. 17 जनवरी दिन मंगलवार को शनि कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे. इसके बाद वो यहां 29 मार्च 2025 तक रहेंगे. इस राशि में रहकर शनि सभी राशि के जातकों को अच्छे-बुरे परिणाम देते रहेंगे.

ढाई साल शनि किन राशियों को देंगे लाभ?
शनि पूरे 30 साल बाद अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में गोचर करेंगे. इस राशि में रहकर शनि अगले ढाई वर्ष तक कुछ जातकों को बहुत फायदा देने वाले हैं. ज्योतिषविदों का कहना है कि शनि के कुंभ राशि में गोचर से मेष, वृषभ, सिंह, मिथुन, धनु, मकर और कुंभ राशि वालों को बेहद शुभ परिणाम मिलेंगे. इन जातकों को कारोबार, नौकरी, आर्थिक और दांपत्य जीवन में बहुत शुभ परिणाम मिलेंगे.

 

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