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Shani Sade Sati: शनि का प्रकोप झेल सकते हैं इस राशि के जातक, 2022 तक रहें संभलकर

शनि की साढ़े साती के पहले चरण में शनि जातक की आर्थिक स्थिति पर, दूसरे च​रण में पारिवारिक जीवन पर और तीसरे चरण में स्वास्थ्य पर सबसे ज्यादा असर डालते हैं. ढ़ाई-ढ़ाई साल के इन तीन चरणों में दूसरा चरण सबसे ज्यादा भारी पड़ता है.

शनि की महादशा का सभी जातकों पर पड़ता है असर शनि की महादशा का सभी जातकों पर पड़ता है असर
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 10 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 3:41 PM IST
  • शनि की साढ़े साती के दूसरे चरण होता है बेहद कष्टकारी
  • शनि की महादशा का सभी जातकों पर पड़ता है असर

Shani Sade Sati: न्याय के देवता कहे जाने वाले शनिदेव कर्मों के हिसाब से फल देते हैं. अच्छे कर्म करने वालों को राजा बना देते हैं, तो वहीं अनैतिक और अन्याय करने वालों को दंड भी देते हैं. जब शनिदेव की महादशा चलती है, तो अच्छे-अच्छों की हालत खराब हो जाती है. शनि का सबसे ज्यादा असर शनि की साढ़े साती या शनि की ढैय्या के दौरान झेलना पड़ता है. इन महादशाओं में शनिदेव जातकों की राशियों पर अच्छा और बुरा दोनों प्रकार के असर डालते हैं. इसका असर जीवन को उलट-पुलट कर देता है. 

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दूसरा चरण करता ज्यादा परेशान 
ज्योतिर्विद श्रीपति त्रिपाठी ने बताया कि शनि की साढ़े साती के पहले चरण में शनि जातक की आर्थिक स्थिति पर, दूसरे च​रण में पारिवारिक जीवन पर और तीसरे चरण में स्वास्थ्य पर सबसे ज्यादा असर डालते हैं. ढ़ाई-ढ़ाई साल के इन तीन चरणों में दूसरा चरण सबसे ज्यादा भारी पड़ता है.   


इस राशि पर 2022 तक शनि का साया
इस समय शनि मकर राशि में हैं. इस राशि के जातकों पर शनि की साढ़े साती का दूसरा चरण चल रहा है, जो 29 अप्रैल 2022 तक रहेगा. इसलिए मकर राशि के जातकों के लिए ये समय बहुत ज्यादा संभलकर चलने का है. शनि के प्रकोप के कारण धन संपत्ति, परिवार से जुड़ी मुश्किलें झेलनी पड़ सकती हैं. कोई व्यक्ति धोखा दे सकता है. बहुत मेहनत के बाद नतीजे मिलेंगे. हर फैसला सोच समझकर करना चाहिए. ज्योतिर्विद श्रीपति त्रिपाठी ने बताया कि जिन जातकों की कुंडली में शनि अच्छी स्थिति में हैं और जो गलत व अनैतिक कार्य नहीं करते हैं. उनके लिए ये समय बहुत शानदार साबित होगा. यानि इस दौरान मकर राशि के जातकों को अपनी कुंडली में शनि की स्थिति और अपने कर्मों के आधार पर शनि का असर झेलना होगा. 

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करें ये उपाय 
ज्योतिर्विद श्रीपति त्रिपाठी ने बताया कि साढ़े साती या ढैय्या के दौरान शनि के प्रकोप से बचने के लिए भगवान शिव और हनुमान जी की पूजा उपासना करने से बहुत राहत मिलती है. हनुमान चालीसा का पाठ करें. कटोरे में तेल लेकर उसमें अपना मुंह देखें और कटोरे सहित तेल को शनि मंदिर में रख आएं. इस तरह अपनी छाया दान करने से बड़ी राहत मिलेगी. इसके अलावा शनि से संबंधित अन्य चीजों का भी दान कर सकते हैं. ये उपाय शनिवार के दिन करने से अत्यंत फलदायी होता है.  

 

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