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Shardiya Navratri 2023 6th Day: शारदीय नवरात्रि के छठे दिन करें मां कात्यायनी की पूजा, जानें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

Shardiya Navratri 2023: नवदुर्गा के छठवें स्वरूप में मां कात्यायनी की पूजा की जाती है. मां कात्यायनी का जन्म कात्यायन ऋषि के घर हुआ था अतः इनको कात्यायनी कहा जाता है. इनकी चार भुजाओं मैं अस्त्र शस्त्र और कमल का पुष्प है, इनका वाहन सिंह है. ज्योतिष में बृहस्पति का सम्बन्ध इनसे माना जाना चाहिए.

मां कात्यायनी मां कात्यायनी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 20 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 6:48 PM IST

Shardiya Navratri 2023: नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है. मां कात्यायनी को देवी दुर्गा का छठा रूप माना गया है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार देवी कात्यायनी को ऋषि की पुत्री होने के कारण कात्यायनी नाम मिला था. देवी दुर्गा के इस रूप को लेकर कहा जाता है कि जो भी भक्त नवरात्रि के छठे दिन मां की सच्चे मन से विधि-विधान के साथ आराधना करता है. मां स्वयं उस भक्त के सभी रोग-दोष दूर कर उसे सुख-समृद्धि प्रदान करती हैं.

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कौन है मां कात्यायनी

इनकी चार भुजाओं में अस्त्र, शस्त्र और कमल है, इनका वाहन सिंह है. ये ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी हैं. गोपियों ने कृष्ण की प्राप्ति के लिए इनकी पूजा की थी. विवाह संबंधी मामलों के लिए इनकी पूजा अचूक होती है, योग्य और मनचाहा पति इनकी कृपा से प्राप्त होता है. ज्योतिष में बृहस्पति का सम्बन्ध इनसे माना जाता है.

शुभ मुहूर्त

नवरात्रि के छठे दिन यानी आज रवि योग सुबह 6 बजकर 25 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 41 मिनट तक रहेगा, जिस मुहूर्त मां कात्यायनी की उपासना की जा सकती है. इसके अलावा, अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 43 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 28 मिनट तक रहेगा, इस मुहूर्त में भी पूजन किया जा सकता है. 

मां कात्यायनी पूजन विधि

मां कात्यायनी का पूजन पीले रंग से करना है. सर्वप्रथम मां कात्यायनी की पूजा से पहले कलश देवता अर्थात भगवान गणेश का विधिवत तरीके से पूजन करें. भगवान गणेश को फूल, अक्षत, रोली, चंदन अर्पित कर उन्हें दूध, दही, शर्करा, घृत व मधु से स्नान कराएं. देवी को अर्पित किए जाने वाले प्रसाद को पहले भगवान गणेश को भी भोग लगाएं. प्रसाद के पश्चात आचमन और फिर पान, सुपारी भेंट करें. फिर कलश देवता का पूजन करने के बाद नवग्रह, दशदिक्पाल, नगर देवता, ग्राम देवता की पूजा भी करें. 

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इन सबकी पूजा करने के बाद ही मां कात्यायनी का पूजन शुरू करें. इसके लिए सबसे पहले अपने हाथ में एक फूल लेकर मां कात्यायनी का ध्यान करें. इसके बाद मां कात्यायनी का पंचोपचार पूजन कर, उन्हें लाल फूल, अक्षत, कुमकुम और सिंदूर अर्पित करें. इसके बाद उनके समक्ष घी अथवा कपूर जलाकर आरती करें. अंत में मां के मन्त्रों का उच्चारण करें. 

मां कात्यायनी की पूजा से धन संबंधित समस्या होगी दूर 

नवरात्रि के छठवें दिन एक नारियल लें और उसके साथ एक लाल, पीले और सफेद रंग का फूल लेकर माता को अर्पित कर दें. इसके बाद नवरात्रि की नवमी तिथि की शाम को फूलों को नदी में प्रवाहित कर दें और नारियल पर लाल कपड़ा लपेटकर तिजोरी या फिर अलमारी में रख दें. ऐसा करने से घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है और अटका धन भी प्राप्त होता है.

मां कात्यायनी मंत्र

"कात्यायनी महामाये , महायोगिन्यधीश्वरी।
नन्दगोपसुतं देवी, पति मे कुरु ते नमः।।"  

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