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Shardiya Navratri 2024: शारदीय नवरात्रि का तीसरा दिन आज, जानें कैसे करें मां चंद्रघंटा की उपासना

Shardiya Navratri 2024: आज नवरात्रि का तीसरा दिन है. नवरात्रि का तीसरा दिन भय से मुक्ति और अपार साहस प्राप्त करने का दिन होता है. इस दिन नवदुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा की उपासना की जाती है.

जानें कैसे करें मां चंद्रघंटा की उपासना जानें कैसे करें मां चंद्रघंटा की उपासना
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 05 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 7:28 AM IST

Shardiya Navratri 2024: शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है और आज नवरात्रि का तीसरा दिन है. नवरात्रि का तीसरा दिन भय से मुक्ति और अपार साहस प्राप्त करने का दिन होता है. इस दिन नवदुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा की उपासना की जाती है. तो चलिए जानते हैं कि नवदुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा की क्या मान्यता है, उपासना विधि और उपासना से क्या लाभ होता है. 

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कौन हैं मां चंद्रघंटा?

नवरात्रि के तीसरे दिन मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा की उपासना की जाती है. मां चंद्रघंटा के सर पर घंटे का आकार का चंद्रमा है इसलिए इनको चंद्रघंटा कहा जाता है. इनके दसों हाथों में अस्त्र शस्त्र है और इनकी मुद्रा युद्ध की है. मां चंद्रघंटा तंत्र साधना में मणिपुर चक्र को नियंत्रित करती है, ज्योतिष में इनका संबंध मंगल नामक ग्रह से माना जाता है. 

मां चंद्रघंटा की उपासना कैसे होगी

मां चंद्रघंटा की पूजा लाल रंग के वस्त्र धारण करके की जाए तो सबसे ज्यादा उत्तम होगा. साथ ही, माता को लाल फूल, रक्त चंदन और लाल चुनरी समर्पित करना सर्वोत्तम होता है. इनकी पूजा करने से मणिपुर चक्र मजबूत होता है. अतः इस दिन की पूजा आप जरूर करें ताकि मणिपुर चक्र मजबूत हो और भय का नाश हो. अगर इस दिन की पूजा से कुछ सिद्धियों जैसी अनुभूति होती है तो उसपर ध्यान न दें, आगे साधना करते रहें. 

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मणिपुर चक्र क्या होता है

मणिपुर चक्र होता है नाभि के ठीक पीछे की हड्डी पर नाभि के ठीक पीछे होता है. इसके कमजोर होने से व्यक्ति के अंदर साहस नहीं होता और व्यक्ति के अंदर भय की वृत्ति होती है उसे हर चीज से डर लगता है. ये व्यक्ति के अंदर तृष्णा और मोह पैदा करता है. मणिपुर चक्र कमजोर होने से व्यक्ति के अंदर ईर्ष्या पैदा होती है उसे छोटी छोटी चीजों से घृणा होने लगती है और उसे लोगों का सामना करने में लज्जा आती है. 

मणिपुर चक्र को करें मजबूत

1. मध्य रात्रि में लाल रंग के वस्त्र धारण कीजिए. सबसे पहले अपने गुरु को प्रणाम कीजिए अगर आपके गुरु नहीं है तो भगवान शिव को गुरु मानकर उनको प्रणाम कीजिए. 

2. मां दुर्गा के सामने घी का दीपक जलाएं. और फिर उन्हें लाल फूल अर्पित कीजिए.

3. इसके बाद आज्ञा चक्र पर ध्यान लगाएं दोनों भाव के बीच में आंखे बंद करके वहां ध्यान लगाएं क्योंकि मणिपुर चक्र पर ध्यान लगाना मना होता है और गहरे से गहरा ध्यान करें. 

4. उसके बाद अपने गुरु से मणिपुर चक्र को मजबूत करने की प्रार्थना करें इससे आपको लाभ होगा. 

5. आप चाहे तो लाल रंग के रेशम का धागा मां दुर्गा को समर्पित करके अपनी कमर में बांध सकते हैं इससे भी मणिपुर चक्र बेहतर होना शुरू हो जाता है.
 

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